“मुख्तार अंसारी की12 करोड़ रुपये की संपत्तियां सरकार के नियंत्रण में, बेटों की याचिका अस्वीकार”

लखनऊ:  माफिया मुख्तार अंसारी की 12 करोड़ रुपये की संपत्तियां अब सरकारी संपत्ति बन गई हैं, जिनके खिलाफ मुख्तार के बेटों द्वारा दायर की गई अपील खारिज कर दी गई है। यह कदम आयकर विभाग द्वारा पिछले साल की गई कार्रवाई के बाद उठाया गया है, जिसमें मुख्तार की गाजीपुर स्थित बेनामी संपत्तियों को जब्त किया गया था।

मुख्तार अंसारी की गाजीपुर में स्थित 12.10 करोड़ रुपये की संपत्तियों को सरकारी नियंत्रण में ले लिया गया है। आयकर विभाग की बेनामी संपत्तियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के तहत, मुख्तार अंसारी की ये संपत्तियां अब सरकारी संपत्ति के रूप में मान ली गई हैं।

मुख्तार अंसारी की संपत्तियों की जांच के दौरान सामने आया कि ये संपत्तियां उनके करीबी रियल एस्टेट कारोबारी गणेश दत्त मिश्रा के नाम से खरीदी गई थीं। हालांकि, आयकर विभाग की जांच में यह खुलासा हुआ कि ये संपत्तियां वास्तव में मुख्तार अंसारी की थीं, जिन्हें उन्होंने अपने नाम से हटाकर गणेश मिश्रा के नाम करवा दिया था।

आयकर विभाग की बेनामी निषेध इकाई ने पहले जांच शुरू की और पाया कि गणेश दत्त मिश्रा ने भूमि का भुगतान करने के लिए इस्तेमाल किए गए चेकों को भुनाया नहीं था। इस स्थिति को देखते हुए, आयकर विभाग ने गणेश मिश्रा को पूछताछ के लिए तलब किया, लेकिन वह अनुपस्थित रहे। इसके बाद गाजीपुर पुलिस को गणेश दत्त मिश्रा को हिरासत में लेने और पूछताछ के लिए भेजा गया।

मुख्तार अंसारी के बेटों अब्बास और उमर द्वारा दायर की गई याचिका, जिसमें उन्होंने इन संपत्तियों के सरकारी नियंत्रण को चुनौती दी थी, को खारिज कर दिया गया है। अब ये संपत्तियां पूरी तरह से सरकारी नियंत्रण में हैं, और मुख्तार अंसारी की आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ की गई इस कार्रवाई को एक बड़ी कानूनी जीत माना जा रहा है।