महीनों की योजना और अद्वितीय रणनीति: इस्राइल ने रचा सीरिया में सैन्य साहस का इतिहास

तेल अवीव:  गुरुवार को इस्राइली वायु सेना ने एक अत्यंत साहसिक और जटिल ऑपरेशन का खुलासा किया। इस मिशन के तहत, इस्राइल के स्पेशल फोर्सेज के 120 कुशल और प्रशिक्षित कमांडो ने सीरिया की सीमा में गुप्त रूप से प्रवेश कर, ईरान समर्थित एक मिसाइल निर्माण इकाई को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। इस ऑपरेशन को इस्राइल की सैन्य इतिहास के सबसे खतरनाक और साहसी अभियानों में से एक माना जा रहा है।

ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए महीनों की योजना बनाई गई थी, जिसमें उच्च तकनीकी उपकरण, ड्रोन सर्विलांस और कूटनीतिक चालों का इस्तेमाल किया गया। मिशन का उद्देश्य न केवल उस मिसाइल फैक्ट्री को नष्ट करना था, बल्कि क्षेत्र में ईरान के बढ़ते प्रभाव और उसकी आक्रामक सैन्य क्षमताओं को सीमित करना भी था।

ऑपरेशन रात के अंधेरे में शुरू हुआ, ताकि दुश्मन के रडार और सुरक्षा उपायों को चकमा दिया जा सके। इस्राइली फोर्सेज ने उच्चतम स्तर की गुप्तचर जानकारी का उपयोग करते हुए फैक्ट्री की सटीक लोकेशन का पता लगाया। इस मिशन में एडवांस हेलिकॉप्टर, लड़ाकू विमानों और हथियारबंद ड्रोन का इस्तेमाल किया गया।

मिशन के दौरान स्पेशल कमांडो यूनिट ने दुश्मन के भारी सुरक्षा घेरे को तोड़कर फैक्ट्री तक पहुंच बनाई। वहां, उन्होंने अत्याधुनिक विस्फोटक उपकरण लगाकर पूरी फैक्ट्री को कुछ मिनटों में तहस-नहस कर दिया। पूरी कार्रवाई इतनी सुनियोजित और तेज थी कि दुश्मन को समझने का मौका ही नहीं मिला। इस्राइल के सैनिक बिना किसी नुकसान के वापस लौटने में सफल रहे।

इस्राइल के प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्रालय ने इस अभियान की सराहना करते हुए इसे “सीमा सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए मील का पत्थर” करार दिया। उन्होंने कहा कि इस मिशन ने क्षेत्र में ईरान की ताकत को कमजोर किया है और यह दिखाया है कि इस्राइल अपनी सुरक्षा से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा।

यह ऑपरेशन ना सिर्फ सैन्य शक्ति का प्रदर्शन था, बल्कि इस्राइली खुफिया और तकनीकी कौशल की बेमिसाल मिसाल भी है, जिसने दिखाया कि चुनौतियां कितनी भी बड़ी क्यों न हों, उनके इरादे उनसे कहीं ज्यादा मजबूत हैं।