वैभव चौधरी धमतरी। देश के इतिहास में आजादी के बाद से लेकर आज तक 1975 के वर्ष में एक ऐसी घटना घटी थी जो देश को आपातकाल के आगोश में समा दिया था इसके तहत सरकार के विरोध में बोलनै वाले अनेक लोगों को जेलों में बंद कर दिया गया था अभिव्यक्ति की आजादी लगभग समाप्त हो गई थी इसी के तहत नगर के भी अनेक लोग उक्त कानून का विरोध करते हुए जेल की सलाखों में पहुंच गए थे जिसमें बांसपारा निवासी शिरोमणि राव घोरपड़े तथा कुमार राव रणसिंह भी शामिल है 25 जून 1975 को घोषित इस कानून की तिथि पर भारत की संप्रभुता एकता व अखंडता को मजबूत करने के लिए जेल गए शिरोमणि राव घोरपड़े तथा कुमार राव रणसिंह का सम्मान भारतीय जनता पार्टी के झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के जिला संयोजक भागवत यादव एवं वार्ड के पार्षद मिथलेश सिन्हा की अगुवाई में करते हुए आपातकाल की दासता को उनके श्रीमुख से सुना तत्पश्चात मुख्य रूप से उस उपस्थित प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक महेंद्र पंडित ने कहा कि सरकार के द्वारा आपातकाल के समय की गई अमानुषिकता पूर्ण भेदभाव से युक्त कारवाही ने इंसानियत और मानवता को पूर्णता शर्मसार कर दिया था और इसी का परिणाम है कि जो बीज उस समय बोया गया था उसे कहीं ना कहीं वर्तमान में देश भोग रही थी जिसे केंद्र सरकार के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्णता आपसी समन्वय सामंजस्य प्रेम भाईचारे की भावना से सुधार रहे हैं वही मिथिलेश सिन्हा ने कहा कि भारतीय इतिहास का काला अध्याय है आपातकाल जिसे आने वाली पीढ़ी को अवगत कराने के लिए मीसा बंदियों का सम्मान जैसा कार्यक्रम का आयोजन कर सार्वजनिक जीवन जीने वालों के लिए इस राष्ट्रीय कर्तव्य को निभाना चाहिए। इस अवसर पर महिला मोर्चा प्रदेश सदस्य कल्पना रणसिंह ,पार्षद श्यामा साहू ,जिला महामंत्री अविनाश दुबे ,आर्थिक प्रकोष्ठ प्रदेश सदस्य कुलेश सोनी ,जिला कोषाध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा पिंटू डागा और बूथ अध्यक्ष साकेत यादव उपस्थित रहे।
मीसा बंदियों का झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ व पार्षदों ने किया सम्मान, मानवता को शर्मसार किया है आपातकाल : महेंद्र पंडित
RELATED ARTICLES