“बस्तर में माओवादियों की कमर टूटी: सुरक्षा बलों ने 9 महीनों में 157 नक्सलियों को मार गिराया, अबूझमाड़ के जंगल में तीन प्रमुख लीडर ढेर, हथियारों का जखीरा बरामद”

 नारायणपुर:  बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे सुरक्षा अभियानों ने एक बार फिर बड़ी कामयाबी हासिल की है। नारायणपुर पुलिस ने अबूझमाड़ के परादी जंगल में चलाए गए ‘माड़ बचाओ’ अभियान के तहत माओवादी संगठन के तीन शीर्ष नेताओं को मार गिराया। इनमें DKSZC का रूपेश, DVCM का जगदीश, और PPCM की सरिता शामिल थे, जिनके सिर पर भारी इनाम रखा गया था। ये सभी कुख्यात नक्सली कई आपराधिक मामलों में वांछित थे और संगठन के बड़े चेहरे माने जाते थे।

सूचना के आधार पर पुलिस और सुरक्षा बलों ने पांच दिनों तक दुर्गम जंगल में माओवादियों के खिलाफ सघन अभियान चलाया। मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर अचानक हमला किया, लेकिन जवानों की सतर्कता और जवाबी कार्रवाई के चलते नक्सली भागने को मजबूर हो गए। सर्च ऑपरेशन में तीन शवों के साथ भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए, जिससे माओवादियों के खूनखराबे की मंशा स्पष्ट थी।

पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में अब तक 157 नक्सली मारे जा चुके हैं, 663 को गिरफ्तार किया गया है, और 556 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इस सफलता से सुरक्षा बलों का मनोबल ऊंचा है और माओवादी संगठन का दबदबा लगातार कमजोर होता जा रहा है।

यह अभियान न सिर्फ माओवादी आतंक को खत्म करने के लिए था, बल्कि इसका उद्देश्य ग्रामीणों को नक्सली प्रभाव से मुक्त कराकर उन्हें विकास और शांति की ओर बढ़ने का रास्ता दिखाना भी था। ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की बढ़ती उपस्थिति से नक्सली भयभीत हैं और संगठन में फूट की स्थिति पैदा हो गई है।

सुरक्षा बलों के जवानों ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अभियान चलाया, जहां दुर्गम भूभाग, उफनती नदियां और खराब मौसम उनके रास्ते में आईं, लेकिन उन्होंने अदम्य साहस दिखाया। इस अभियान ने यह साबित किया कि माओवादियों के खिलाफ चल रही लड़ाई में जवान किसी भी स्थिति में पीछे नहीं हटेंगे।

ग्रामीणों में भी अब माओवादी डर का असर कम हो रहा है और वे शांति और विकास की उम्मीदों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। “माड़ बचाओ” अभियान से नक्सल मुक्त बस्तर का सपना अब धीरे-धीरे हकीकत बनता दिख रहा है।