पंजाब कैबिनेट में बड़ा फेरबदल: 5 नए चेहरों की एंट्री, सरकार की नई टीम तैयार
पंजाब : पंजाब की भगवंत मान सरकार ने अपने मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल करते हुए पांच नए चेहरों को शामिल किया है, जिनमें से सभी पहली बार 2022 के विधानसभा चुनावों में विजयी हुए थे। इस नए बदलाव में, उन विधायकों को मंत्री पद नहीं दिया गया जो दूसरी बार चुने गए थे, जैसे कि बलजिंदर कौर और सरबजीत कौर मानूंके। इस विस्तार का उद्देश्य राज्य के विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों का बेहतर प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना है। आइए जानते हैं इन नए मंत्रियों के प्रोफाइल के बारे में विस्तार से:
1. मोहिंदर पाल भगत (जालंधर पश्चिम)
मोहिंदर भगत 66 वर्ष के व्यापारी हैं, जो पहली बार विधानसभा में पहुंचे हैं। उन्होंने जालंधर के उपचुनावों के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान के वादे को पूरा करते हुए कैबिनेट में स्थान प्राप्त किया है। उनका चयन जालंधर के लोगों के प्रति आप सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। शैक्षणिक रूप से 10वीं पास भगत की संपत्ति लगभग 4 करोड़ रुपये है, और उनका राजनीतिक सफर व्यापारिक क्षेत्र से शुरू होकर अब मंत्री पद तक पहुंचा है।
2. हरदीप सिंह मुंडिया (साहनेवाल)
लुधियाना जिले के साहनेवाल से आने वाले 48 वर्षीय हरदीप मुंडिया एक व्यवसायी हैं, जिनकी संपत्ति 4.75 करोड़ रुपये है। शैक्षिक योग्यता के तौर पर वे 10वीं पास हैं। मुंडिया को कैबिनेट में शामिल करके पार्टी ने लुधियाना जिले में अपनी पकड़ को मजबूत करने का प्रयास किया है, क्योंकि इस जिले में पहले कोई मंत्री नहीं था। उनका चयन लुधियाना में पार्टी के विस्तार और विकास के प्रति आप सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।
3. बरिंदर कुमार गोयल (लहरागागा)
65 वर्षीय बरिंदर कुमार गोयल पेशे से वकील हैं और लहरागागा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उनके शामिल होने से बनिया समुदाय के बीच पार्टी की पैठ को और गहरा करने का प्रयास किया गया है। बीए पास बरिंदर गोयल की संपत्ति 1.57 करोड़ रुपये है। वे इस समुदाय के महत्वपूर्ण नेता माने जाते हैं और उनके मंत्री बनने से समुदाय के बीच पार्टी की पकड़ और भी मजबूत हो सकती है।
4. तरुणप्रीत सिंह सौंद (खन्ना)
40 वर्षीय तरुणप्रीत सिंह सौंद ने खन्ना विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर अपनी जगह बनाई। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते गुरकीरत सिंह को हराया था और चुनाव के दौरान महिलाओं के लिए सिलाई मशीन प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत कर चर्चा में आए थे। उनकी 12वीं पास शैक्षिक योग्यता और सशक्त नेतृत्व क्षमता ने उन्हें कैबिनेट में स्थान दिलाया। उनके शामिल होने से पार्टी ने खन्ना क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है।
5. डॉ. रवजोत सिंह (शाम चौरासी)
47 वर्षीय डॉ. रवजोत सिंह पेशे से डॉक्टर हैं और अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं। उन्होंने एमडी (मेडिसिन) की डिग्री हासिल की है और पार्टी के पुराने व समर्पित कार्यकर्ताओं में से एक हैं। उनकी संपत्ति 6 करोड़ रुपये है। उनके मंत्री बनने से यह संदेश दिया गया है कि आम आदमी पार्टी अपने जमीनी कार्यकर्ताओं को भी मौका देती है। अनुसूचित जाति समुदाय का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के उद्देश्य से उन्हें मंत्री बनाया गया है।
राजनीतिक रणनीति और उद्देश्य:
भगवंत मान सरकार के इस फेरबदल का उद्देश्य विभिन्न समुदायों और क्षेत्रों के लोगों के हितों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना है। यह फेरबदल विशेष रूप से अनुसूचित जाति और व्यापारिक समुदायों को साथ जोड़ने की रणनीति के तहत किया गया है। साथ ही, नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल कर पार्टी ने यह संदेश दिया है कि वे नई प्रतिभाओं और युवाओं को मौका देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए, आप सरकार ने आगामी चुनावों और राजनीतिक चुनौतियों के मद्देनजर अपनी रणनीति को और सशक्त करने का प्रयास किया है। यह बदलाव आने वाले समय में पंजाब की राजनीति में नई दिशा और धार देने का काम कर सकता है।
