Reasi में सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई, आतंकवादी ठिकाने का भंडाफोड़ कर भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद

रियासी:  जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता मिली है, जहां माहोर के सिंबली शाजरू इलाके में आतंकवादी ठिकाने का भंडाफोड़ किया गया। इस अभियान के तहत भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया, जिसमें चार मैगजीन, 268 राउंड एके-47 राइफल गोला-बारूद, चार अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (यूबीजीएल) और चार पैकेट डेटोनेटर शामिल हैं। अधिकारियों ने शनिवार को इस महत्वपूर्ण अभियान की जानकारी दी, जो राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कड़ी कार्रवाई का संकेत है।

विशिष्ट खुफिया इनपुट के आधार पर सुरक्षा बलों ने इलाके में एक सुव्यवस्थित तलाशी अभियान चलाया, जिसके परिणामस्वरूप इस बड़े आतंकवादी ठिकाने का खुलासा हुआ। इस सफलता को क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है और यह सुरक्षा बलों की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आतंकवादी नेटवर्क को खत्म करने के उद्देश्य से तलाशी अभियान अभी भी जारी है ताकि क्षेत्र में किसी और संदिग्ध गतिविधि को रोका जा सके।

इस बीच, 17 फरवरी को व्हाइट नाइट कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल नवीन सचदेवा ने रियासी और राजौरी सेक्टरों का दौरा किया और सुरक्षा की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने क्षेत्र में तैनात जवानों की सतर्कता और समर्पण की सराहना की, जो आतंकवादी गतिविधियों को रोकने और शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। भारतीय सेना की XVI कोर, जिसे व्हाइट नाइट कोर के रूप में जाना जाता है, ने इस घटनाक्रम को सोशल मीडिया पर साझा किया और सुरक्षा बलों की कार्रवाई को उजागर किया।

इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 13 फरवरी को एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में राज्य की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की गई, जिसमें खुफिया नेटवर्क को मजबूत करने, सीमा पार से घुसपैठ को रोकने और क्षेत्र में विकास कार्यों को गति देने जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पहले की बैठकों में आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर जोर दिया था और राज्य एवं केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया था। इस बैठक में गृह मंत्रालय, खुफिया एजेंसियों, सेना, अर्धसैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।

यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की लगातार बढ़ती सतर्कता और आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस तरह की सफलताएं आतंकवादी संगठनों पर दबाव बढ़ाती हैं और क्षेत्र में स्थायी शांति और सुरक्षा स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होती हैं।