“महाराष्ट्र की प्रेस कॉन्फ्रेंस: जब फडणवीस, शिंदे और पवार की बातचीत ने बिखेरी मुस्कानें”
मुंबई : महाराष्ट्र की राजनीति में चल रहे लंबे सस्पेंस का बुधवार को अंत हो गया, जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की विधायक दल की बैठक में देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया। इस फैसले के बाद फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने राज्यपाल राधाकृष्णन के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके साथ ही, तीनों नेताओं ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें सरकार गठन और नेतृत्व को लेकर महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की गईं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री पद एक तकनीकी भूमिका है, लेकिन सरकार के सभी बड़े फैसले तीनों नेताओं—फडणवीस, शिंदे और अजित पवार—की सहमति से लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री पद के लिए उनका नाम आगे बढ़ाया है। फडणवीस ने यह भी कहा कि उन्होंने शिंदे से सरकार में शामिल होने की अपील की है और इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद की है। फडणवीस ने यह भी घोषणा की कि गुरुवार शाम 5:30 बजे शपथ ग्रहण समारोह होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महायुति गठबंधन के अन्य नेता शामिल होंगे।
अजित पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि महायुति गठबंधन के पास पूर्ण बहुमत है और उन्हें किसी भी राजनीतिक चुनौतियों की चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि नई सरकार का मुख्य फोकस राजनीति से हटकर शासन पर होगा। वहीं, एकनाथ शिंदे ने इस दौरान अपनी भूमिका को लेकर संशय बनाए रखा। उन्होंने कहा कि वह सरकार का हिस्सा बनेंगे या नहीं, इसका निर्णय शाम तक लिया जाएगा। शिंदे ने हल्के अंदाज में अजित पवार को “शपथ ग्रहण के अनुभवी” नेता के रूप में संबोधित करते हुए माहौल को हल्का किया, जिससे सभी नेता और पत्रकार हंसने लगे।
महायुति गठबंधन, जिसमें बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी शामिल हैं, ने यह भी स्पष्ट किया कि वे मिलकर राज्य की जनता से किए गए वादों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। यह नई सरकार महाराष्ट्र की जनता के विकास और कल्याण के लिए काम करने का वादा करती है। शपथ ग्रहण के बाद, यह देखना दिलचस्प होगा कि महायुति सरकार किस प्रकार से राज्य के शासन को नई दिशा देने में सफल होती है।
इस घटनाक्रम ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ दिया है और राज्य के नागरिकों को उम्मीद है कि यह सरकार उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेगी।