“महाराष्ट्र-झारखंड चुनाव की तैयारी: आयोग ने मांगा स्पष्टीकरण, अक्टूबर में चुनाव तारीखों का एलान संभावित”
विधानसभा चुनाव: चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियों का जायजा लेने के लिए चुनाव आयोग की एक उच्चस्तरीय टीम राज्य का दौरा कर रही है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में यह टीम बृहस्पतिवार देर शाम मुंबई पहुंची। टीम में चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, सुखबीर सिंह संधू सहित लगभग 12 अधिकारी शामिल हैं, जो राज्य में अगले दो दिनों तक चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है, और आयोग ने इसको लेकर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से सुझाव मांगे हैं। भाजपा ने कार्यदिवस पर मतदान कराने का सुझाव दिया है, जबकि कांग्रेस ने हाउसिंग सोसाइटियों में मतदान केंद्रों को लेकर आपत्ति जताई। इस बीच, लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को हुई असुविधा पर आयोग ने नाखुशी जाहिर की और शीर्ष अधिकारियों को आगामी चुनाव में बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा, आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव और राज्य के पुलिस महानिदेशक से यह स्पष्टीकरण मांगा है कि चुनाव से पहले तीन साल से अधिक समय से एक ही पद पर तैनात अधिकारियों का तबादला क्यों नहीं किया गया। चुनाव आयोग ने 31 जुलाई को इस संबंध में निर्देश जारी किए थे, लेकिन राज्य प्रशासन ने अब तक इस प्रक्रिया को पूरी तरह लागू नहीं किया है। आयोग ने राज्य प्रशासन को 31 अगस्त तक अनुपालन रिपोर्ट देने को कहा था, जो अभी तक प्राप्त नहीं हुई है।
झारखंड की तरफ भी आयोग का ध्यान केंद्रित है। इससे पहले, मंगलवार को चुनाव आयोग ने झारखंड का दौरा कर वहां की चुनावी तैयारियों का निरीक्षण किया। राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव नवंबर-दिसंबर 2019 में हुआ था, और इस बार चुनाव आयोग कम चरणों में चुनाव कराने की योजना बना रहा है। झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस और अन्य दलों की गठबंधन सरकार है, जिसमें 47 विधायकों का समर्थन है। भाजपा 24 विधायकों के साथ प्रमुख विपक्षी दल है।
महाराष्ट्र की राजनीति में इस बार का विधानसभा चुनाव खास महत्व रखता है, क्योंकि जून 2022 में महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार गिरने के बाद से राज्य में भाजपा समर्थित सरकार सत्ता में है। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विभाजन के बाद पहली बार राज्य में चुनाव होंगे, जिससे मुकाबला और भी रोचक हो गया है। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पास 202 विधायकों का समर्थन है, जिसमें भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। विपक्षी खेमे में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना, और शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी (SP) शामिल हैं, जिनके कुल 71 विधायक हैं।
महाराष्ट्र और झारखंड के आगामी विधानसभा चुनावों में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों की साख दांव पर है। आयोग के अक्तूबर के दूसरे सप्ताह में चुनाव की तारीखों का एलान करने की संभावना है। इसके बाद नवंबर में दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं।