गोल्ड लोन में उछाल पर खरगे का वार: ‘महिलाओं को गहने गिरवी रखने पर मजबूर कर रही मोदी सरकार

नई दिल्ली:  कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आर्थिक नीतियों को लेकर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि देश की महिलाओं की वित्तीय स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि उन्हें अपने गहने गिरवी रखने पर मजबूर होना पड़ रहा है। खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान किए गए ‘मंगलसूत्र चोरी’ वाले तंज पर पलटवार करते हुए कहा कि अब वही बात सच होती नजर आ रही है। उन्होंने दावा किया कि 2019 से 2024 के बीच करीब 4 करोड़ महिलाओं ने अपना सोना गिरवी रखकर 4.7 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने इस स्थिति के लिए मोदी सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि महंगाई, आय में गिरावट और घरेलू बचत में कमी के कारण महिलाओं के पास कोई और चारा नहीं बचा है।

खरगे ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में आरबीआई के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि फरवरी 2025 में गोल्ड लोन में 71.3% की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए सोना सिर्फ एक आभूषण नहीं, बल्कि उनके आर्थिक सुरक्षा का प्रतीक होता है, लेकिन मोदी सरकार की नीतियों के कारण अब उन्हें अपनी सबसे कीमती संपत्ति गिरवी रखनी पड़ रही है। खरगे ने इसे महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता पर गहरा प्रहार बताया और कहा कि मोदी सरकार की नीतियों ने देश के मध्यम वर्गीय परिवारों को भी आर्थिक संकट में धकेल दिया है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि वित्तीय संकट सिर्फ महिलाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के मध्यमवर्गीय परिवारों पर भी इसका गंभीर असर पड़ा है। उन्होंने दावा किया कि दोपहिया वाहन खरीदने वाले लोगों की स्थिति भी बिगड़ गई है, क्योंकि वे अब अपने कर्ज चुकाने में असमर्थ हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि 75% लोग लोन लेकर बाइक और स्कूटर खरीदते हैं, लेकिन अब बैंकों और फाइनेंसरों के लिए भी यह चिंता का विषय बन गया है। खरगे ने बताया कि सितंबर 2024 तक दोपहिया वाहनों के लिए लिए गए लोन का बकाया कर्ज 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो पिछले साल की तुलना में 40,000 करोड़ रुपये अधिक है। इसके अलावा, फरवरी 2025 में दोपहिया वाहनों की बिक्री में 6% की गिरावट दर्ज की गई, जो दर्शाता है कि मध्यम वर्गीय परिवारों की क्रय शक्ति पर सीधा असर पड़ा है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों को ‘विफल’ बताते हुए कहा कि इनकी वजह से आम जनता का जीवन कठिन होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दौरान पहले ही महिलाओं की ‘स्त्री-धन’ पर चोट की गई थी और अब महंगाई तथा आय में गिरावट ने उन्हें आर्थिक रूप से और भी कमजोर कर दिया है। उन्होंने मांग की कि सरकार इस गंभीर आर्थिक संकट का समाधान निकाले और आम लोगों को राहत देने के लिए ठोस कदम उठाए।