केंद्र सरकार से केजरीवाल की महत्वपूर्ण मांग: मिडिल क्लास को राहत देने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और टैक्स में हो सुधार,

दिल्ली:  दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से आगामी बजट में मिडिल क्लास को ध्यान में रखते हुए कई अहम सुधारों की मांग की है। उन्होंने 2025 के केंद्रीय बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, और कर व्यवस्था में सुधार की जरूरत पर जोर दिया है। केजरीवाल ने खासतौर पर मिडिल क्लास और वरिष्ठ नागरिकों की भलाई के लिए कई आवश्यक पहल की सिफारिश की, ताकि देश की अर्थव्यवस्था में इन वर्गों की भूमिका और सम्मान सुनिश्चित किया जा सके।

केजरीवाल ने सरकार से शिक्षा के लिए आवंटित बजट को 2% से बढ़ाकर 10% करने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने प्राइवेट स्कूलों की फीस में नियंत्रण लगाने की जरूरत पर बल दिया, ताकि शिक्षा सस्ती और अधिक सुलभ हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए छात्रवृत्तियों और सब्सिडी का प्रावधान किया जाए, ताकि छात्रों को शिक्षा के लिए आर्थिक मदद मिल सके। इसके अलावा, उन्होंने स्वास्थ्य के बजट को 10% तक बढ़ाने की आवश्यकता बताई, और स्वास्थ्य बीमा से टैक्स को हटाने की मांग की।

केंद्रीय वित्त मंत्री को उन्होंने इनकम टैक्स (IT) छूट की सीमा को 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का सुझाव भी दिया, ताकि मिडिल क्लास के लोगों को राहत मिल सके। केजरीवाल ने आवश्यक वस्तुओं पर से जीएसटी (GST) हटाने का भी सुझाव दिया, जिससे आम जनता की लागत कम हो सके। उन्होंने बुजुर्गों के लिए मजबूत सेवानिवृत्ति योजना और पेंशन प्रणाली बनाने की अपील की, साथ ही सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने का आग्रह किया। रेलवे में बुजुर्गों को मिलने वाली छूट को फिर से लागू करने की आवश्यकता पर भी उन्होंने जोर दिया।

अरविंद केजरीवाल ने यह आरोप भी लगाया कि मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ सबसे ज्यादा है और उन्होंने यह कहा कि यह वर्ग एटीएम की तरह कार्य करता है, जिसका अधिकतर पैसा टैक्स के रूप में चला जाता है। उनका यह कहना था कि मिडिल क्लास देश की रीढ़ की हड्डी है और सरकार को इसके कल्याण के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। 1 फरवरी, 2025 को पेश होने वाले इस बजट में केजरीवाल ने अपनी मांगों का समावेश किए जाने की उम्मीद जताई है, ताकि देश में शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में प्रगति हो सके।