केजरीवाल ने ’65 हजार बैठकों’ का फॉर्मूला दिया, 15 दिनों में दिल्ली की राजनीति को बदलने की तैयारी
दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र राजनीति में हलचल तेज हो गई है, और सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी प्रचार में जोर-शोर से गति पकड़ी है। इस बीच, आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पार्टी नेताओं को एक अहम टास्क सौंपा है, जो दिल्ली में 15 दिनों में 65 हजार बैठकों का लक्ष्य पूरा करने का है।
रविवार को मंडल अध्यक्षों के साथ बैठक में केजरीवाल ने बताया कि पार्टी के नेताओं को दिल्ली भर में हर बूथ पर 50-50 परिवारों से मिलकर संपर्क स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि एक बूथ पर 5 बैठकें करने के बाद 65 हजार मीटिंग्स तक पहुंचा जा सकता है, जिससे पूरी दिल्ली में पार्टी का प्रचार-प्रसार होगा। उनका मानना है कि अगर इस फॉर्मूले को सही तरीके से लागू किया गया, तो आम आदमी पार्टी को कोई हरा नहीं सकता।
केजरीवाल ने नेताओं को सलाह दी कि चुनावी प्रचार के दौरान बहस से बचें और लोगों का दिल जीतने पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कहा, “आप बहस तो जीत सकते हैं, लेकिन दिल नहीं जीत सकते। बहस के बजाय लोगों को समझाएं और उनकी भावनाओं का सम्मान करें।”
इसके अलावा, पार्टी के कार्यकर्ताओं से केजरीवाल ने कहा कि चुनावी प्रचार में सक्रियता बनाए रखने के लिए वे तीन महीने की छुट्टी ले सकते हैं, ताकि पूरी ऊर्जा के साथ पार्टी को समर्थन देने में जुटा जा सके। केजरीवाल का यह फॉर्मूला उनके पार्टी के लिए चुनावी जीत की रणनीति के रूप में सामने आया है, जिसे पूरी दिल्ली में लागू करने की योजना बनाई जा रही है।