करण जौहर का खुलासा: शाहरुख खान के बिना ओवरसीज में मेरी फिल्में सफल नहीं होतीं
बॉलीवुड के मशहूर निर्माता-निर्देशक करण जौहर ने हाल ही में शाहरुख खान को लेकर एक बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने यह स्वीकार किया कि उनकी फिल्मों की अंतरराष्ट्रीय सफलता के पीछे शाहरुख खान का जादू काम करता है। करण जौहर ने कहा कि शाहरुख के स्टारडम और उनके चार्म की वजह से उनकी फिल्मों को विदेशों में भी अपार लोकप्रियता मिली।
करण जौहर ने ‘गेम चेंजर्स’ यूट्यूब चैनल को दिए एक इंटरव्यू में शाहरुख खान के साथ अपने रिश्ते और उनके योगदान पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा, “मैंने शाहरुख खान पर चांस लिया और उन्होंने मेरी फिल्मों को ग्लोबल पहचान दिलाई।”
बॉलीवुड का मतलब शाहरुख खान
करण जौहर ने बताया कि जब भी वह किसी विदेशी लोकेशन पर जाते हैं, तो वहां के लोग बॉलीवुड और शाहरुख खान को एक ही समझते हैं। खासकर मिडिल ईस्ट, यूरोप, अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया में शाहरुख की जबरदस्त लोकप्रियता है।
उन्होंने कहा, “अगर आप यूरोप या मिडिल ईस्ट जाएं और वहां किसी से बॉलीवुड के बारे में पूछें, तो उनके दिमाग में सबसे पहला नाम शाहरुख खान ही आता है। उनके लिए हिंदी सिनेमा का मतलब शाहरुख खान है।”
करण ने आगे बताया कि शाहरुख खान की वजह से ही उनकी फिल्में विदेशों में सफल होती रहीं। उन्होंने कहा, “मेरी हर फिल्म जिसे विदेशों में प्यार मिला, उसमें शाहरुख खान का हाथ था। चाहे वह ‘कुछ कुछ होता है’, ‘कभी खुशी कभी गम’, ‘कल हो ना हो’ या ‘माई नेम इज खान’ हो, हर बार शाहरुख ने मेरी फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई।”
शाहरुख और आदित्य चोपड़ा ने बदली मेरी जिंदगी
करण जौहर ने इस इंटरव्यू में आदित्य चोपड़ा का भी जिक्र किया और बताया कि कैसे शाहरुख खान और आदित्य ने मिलकर उनकी जिंदगी बदल दी।
उन्होंने कहा, “मेरे नसीब में शाहरुख खान और आदित्य चोपड़ा जैसे दो लोग थे। अगर ये दोनों न होते, तो शायद मैं आज यहां नहीं होता। मेरी शुरुआत ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ से हुई, जहां मैंने असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम किया। वहां मैंने फिल्ममेकिंग का असली जादू देखा।”
करण ने बताया कि उनके करियर की पहली फिल्म ‘कुछ कुछ होता है’ को भी विदेशों में जबरदस्त सफलता मिली और यह सब शाहरुख खान की स्टार पावर का नतीजा था।
परिवार की असफलता से मिली प्रेरणा
करण जौहर ने अपने परिवार की फिल्मों के बारे में बात करते हुए कहा कि उनके पिता यश जौहर के प्रोडक्शन हाउस धर्मा प्रोडक्शंस की कई फिल्में सफल नहीं हो सकीं।
उन्होंने कहा, “मेरे पापा की फिल्में पहले इतनी सफल नहीं हुई थीं। इस बात ने मुझे झकझोर कर रख दिया था। मैं इस इंडस्ट्री में इस सोच के साथ आया था कि मुझे अपने पिता की असफलताओं का बदला लेना है और धर्मा प्रोडक्शंस को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाना है।”
करण ने आगे कहा कि शुरुआती दौर में उनके लिए बॉक्स ऑफिस कलेक्शन और सफलता ही मायने रखती थी, लेकिन जैसे-जैसे वह आगे बढ़ते गए, उनकी सोच बदल गई।
अब सिर्फ कहानियां मायने रखती हैं
52 साल के हो चुके करण जौहर ने कहा कि अब उनके लिए फिल्मों की सफलता का मतलब केवल बॉक्स ऑफिस नंबर नहीं, बल्कि अच्छी कहानियां कहना है।
उन्होंने कहा, “अब मैं इस इंडस्ट्री में इतने साल बिता चुका हूं कि मुझे समझ आ गया है कि सिर्फ बिजनेस ही सब कुछ नहीं होता। अब मेरे लिए विरासत (legacy) ज्यादा मायने रखती है। मैं चाहता हूं कि मेरी बनाई फिल्में लोग मेरे जाने के बाद भी याद करें।”
करण ने यह भी कहा कि वह अब ऐसी फिल्में बनाना चाहते हैं, जो केवल मनोरंजन ही नहीं, बल्कि दर्शकों के दिलों को भी छू सकें।