कंगना रनौत ने किया रश्मिका मंदाना का समर्थन, कर्नाटक सरकार पर साधा निशाना, जानिए पूरा विवाद
बॉलीवुड अभिनेत्री और हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद कंगना रनौत एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने दक्षिण भारतीय फिल्म अभिनेत्री रश्मिका मंदाना के समर्थन में बयान दिया है और कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। दरअसल, हाल ही में कर्नाटक के कांग्रेस विधायक रवि गनीगा ने रश्मिका मंदाना पर बेंगलुरु फिल्म फेस्टिवल के निमंत्रण को ठुकराने और कर्नाटक फिल्म इंडस्ट्री की अनदेखी करने का आरोप लगाया था। इसके बाद यह विवाद और गहराने लगा, जब राज्य के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने भी कन्नड़ फिल्म उद्योग के लोगों की कम उपस्थिति पर नाराजगी जताई थी।
इस पूरे मामले पर कंगना रनौत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कलाकारों को बेवजह निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने रश्मिका का बचाव करते हुए कहा कि “भगवान हमेशा कलाकारों के साथ खड़े होते हैं और अगर कोई उन पर शिकंजा कसने की कोशिश करेगा, तो भगवान उन्हें बचाएंगे।” कंगना ने यह बयान कर्नाटक के कापू स्थित श्री होसा मारिगुडी मंदिर में दर्शन के दौरान दिया।
विवाद की जड़ कांग्रेस विधायक रवि गनीगा का वह बयान था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि रश्मिका मंदाना को बार-बार बेंगलुरु फिल्म फेस्टिवल में शामिल होने के लिए बुलाया गया, लेकिन उन्होंने समय न होने का हवाला देकर मना कर दिया। विधायक का कहना था कि रश्मिका ने कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री से अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन अब वह इसे नजरअंदाज कर रही हैं, जो कर्नाटक और कन्नड़ भाषा का अपमान है।
इस मामले पर रश्मिका मंदाना की टीम ने सफाई देते हुए कहा कि ऐसा कोई जानबूझकर किया गया फैसला नहीं था और इस तरह के आरोप निराधार हैं। हालांकि, विधायक गनीगा ने दावा किया कि उनके पास इस संबंध में पर्याप्त सबूत हैं। विवाद तब और बढ़ गया जब कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने 1 मार्च को एक समारोह के दौरान सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे पर निराशा व्यक्त की थी।
कंगना रनौत, जो अक्सर अपने बेबाक बयानों के लिए जानी जाती हैं, इस बार भी खुलकर सामने आईं और रश्मिका के समर्थन में बोलते हुए कांग्रेस नेताओं पर हमला किया। उन्होंने कलाकारों को लेकर सरकार के इस रवैये को अनुचित बताया और कहा कि रश्मिका जैसी अभिनेत्रियों को इस तरह के विवादों में घसीटना गलत है।
यह मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है, जहां एक ओर कांग्रेस सरकार इसे कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री और क्षेत्रीय भाषा के सम्मान का मुद्दा बता रही है, वहीं दूसरी ओर कंगना रनौत इसे कलाकारों की स्वतंत्रता पर हमले के रूप में देख रही हैं। अब देखना होगा कि इस विवाद का अंत कैसे होता है और रश्मिका मंदाना इस पर आगे क्या प्रतिक्रिया देती हैं।