प्रधानमंत्री पद से विदाई से पहले भावुक हुए जस्टिन ट्रूडो, टैरिफ विवाद और कनाडा की जनता के लिए काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई
ओटावा: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपनी आखिरी प्रेसवार्ता के दौरान अपने नौ वर्षों के कार्यकाल को याद करते हुए भावुक शब्दों में जनता का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने हर दिन कनाडा के नागरिकों को प्राथमिकता दी और हमेशा उनके हित में फैसले लिए। ट्रूडो ने यह भी दोहराया कि अपने कार्यकाल के अंतिम दिन तक वह कनाडा के लोगों के लिए काम करते रहेंगे और उनके साथ खड़े रहेंगे। अपनी गिरती लोकप्रियता और राजनीतिक दबाव के कारण जनवरी में उन्होंने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया था, और अब रविवार को सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी अपने नए नेता का चुनाव करेगी, जिसके बाद वह औपचारिक रूप से पद छोड़ देंगे।
अपने संबोधन में ट्रूडो ने कनाडाई नागरिकों से एकजुट रहने की अपील की और आगाह किया कि आने वाला समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों पर भी तीखा हमला किया, खासतौर पर उन भारी-भरकम टैरिफों की आलोचना की, जो ट्रंप प्रशासन ने कनाडा से आयात होने वाले उत्पादों पर लगाए थे। ट्रूडो ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ने अमेरिकी टैरिफ का डटकर मुकाबला किया और जवाबी कार्रवाई के रूप में अमेरिका से आयात होने वाले 30 अरब कनाडाई डॉलर के उत्पादों पर शुल्क लगाने का निर्णय लिया। इस टैरिफ युद्ध से अमेरिकी और कनाडाई बाजारों में भारी उथल-पुथल देखने को मिली, जिससे दबाव में आकर ट्रंप को कुछ समय के लिए टैरिफ लगाने के फैसले को टालना पड़ा।
कनाडा और अमेरिका लंबे समय से एक-दूसरे के प्रमुख व्यापारिक साझेदार रहे हैं, लेकिन इस टैरिफ विवाद ने दोनों देशों के संबंधों को झकझोर कर रख दिया। ट्रूडो ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया, जिससे उनकी लोकप्रियता में गिरावट का दौर थम गया और जनता के बीच उनकी छवि मजबूत हुई। हाल के सर्वेक्षणों के अनुसार, अमेरिका के खिलाफ उनकी कड़ी प्रतिक्रिया और कनाडा के आर्थिक हितों की रक्षा करने की उनकी नीति से उनकी लोकप्रियता में फिर से वृद्धि हुई है।
ट्रूडो ने अपने अंतिम संबोधन में कनाडाई जनता के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा देश के लोगों के हितों को प्राथमिकता दी है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि राजनीति में उनका सफर यहीं खत्म नहीं हुआ है और भविष्य में भी वह किसी न किसी रूप में देश की सेवा करते रहेंगे। उनके विदाई भाषण ने कनाडा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण अध्याय को विराम दिया, लेकिन इसने यह भी स्पष्ट कर दिया कि ट्रूडो का प्रभाव अभी भी जनता के दिलों में बना हुआ है।