“जेपी नड्डा और धर्मेंद्र प्रधान का कांग्रेस पर आंबेडकर के अपमान का आरोप, राजनीतिक घमासान जारी”

नई दिल्ली केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पार्टी को बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को लेकर झूठ बोलना बंद करना चाहिए। नड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा आंबेडकर को नजरअंदाज किया और उनका अपमान किया, जबकि भाजपा ने हमेशा उनकी विरासत का सम्मान किया और कई विकास कार्य किए। नड्डा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि कांग्रेस तीसरी बार लोकसभा चुनाव हारने और कई विधानसभा चुनावों में भी अपना प्रदर्शन खराब करने के बाद भी झूठ बोलने से नहीं रुक रही। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने कई बार आंबेडकर के योगदान को नकारने की कोशिश की है, जैसा कि कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा द्वारा कहे गए एक बयान में दिखाई दिया, जिसमें आंबेडकर के बजाय पं नेहरू के योगदान को अधिक बताया गया था।

नड्डा ने और भी उदाहरण दिए, जैसे कि पं नेहरू की आंबेडकर से नफरत, जो उन्होंने बार-बार साबित की। उनका कहना था कि पं नेहरू ने आंबेडकर को दो बार हराया और उन्हें कैबिनेट से हटाने का जश्न मनाया। नड्डा ने यह भी खुलासा किया कि भाजपा सरकार ने डॉ. आंबेडकर के निधन के बाद उनके अंतिम निवास स्थान को राष्ट्रीय स्मारक बनाया, जबकि कांग्रेस ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने मंबई में आंबेडकर के अंतिम संस्कार स्थल ‘चैत्य भूमि’ के बारे में भी आलोचना की, जहां कांग्रेस ने विकास के झूठे वादे किए, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में भूमि हस्तांतरण कराया और इस पर दो बार प्रार्थना की।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी आंबेडकर के सम्मान को लेकर कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस के नेतृत्व में एनसीईआरटी की किताब में एक कार्टून शामिल किया गया था, जिसमें पं नेहरू को आंबेडकर को कोड़े मारते हुए दिखाया गया था। प्रधान का कहना था कि यह शर्मनाक कृत्य स्वीकृत हुआ था और इस मुद्दे पर कांग्रेस के नफरतपूर्ण रवैये को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब बाबा साहेब आंबेडकर के प्रति सम्मान का दिखावा कर रही है, लेकिन उनका यह कदम केवल राजनीतिक फायदे के लिए है, क्योंकि असल में कांग्रेस और आंबेडकर के बीच नफरत और असहमति का इतिहास रहा है।

प्रधान ने यह भी कहा कि कांग्रेस का आंबेडकर के प्रति रवैया कभी सही नहीं था और उनका नाम अब केवल राजनीति में अपनी सत्ता के लिए लिया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आंबेडकर को विशेष सम्मान दिए जाने से कांग्रेस घबराई हुई है और यही कारण है कि वह इस मुद्दे पर झूठ फैलाने का प्रयास कर रही है। उनका कहना था कि जिस तरह से मोदी सरकार ने आंबेडकर की विरासत को समर्पित किया, उससे कांग्रेस को असंतोष है।

इस आलोचना के बाद यह स्पष्ट हो गया कि आंबेडकर के सम्मान के नाम पर कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक घमासान जारी है और दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला रही हैं।