“भारतीय और श्रीलंकाई नौसेना की संयुक्त कार्रवाई: अरब सागर में 500 किलो ड्रग्स जब्त”
नई दिल्ली : दुनियाभर में ड्रग्स तस्करी एक गंभीर वैश्विक समस्या बन चुकी है, जिसका बाजार वर्तमान में लगभग 650 अरब डॉलर का है। यह अवैध अर्थव्यवस्था का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा है और इसके चलते न सिर्फ सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ी हैं, बल्कि समाज और आर्थिक विकास पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है। भारत, जो कि ‘गोल्डन ट्रायंगल’ क्षेत्र में स्थित है, इस वैश्विक ड्रग्स तस्करी नेटवर्क का एक अहम हिस्सा बन चुका है। म्यांमार, अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे देशों से भारत में ड्रग्स की तस्करी होती है, जिसके कारण देश में बड़े पैमाने पर नशीले पदार्थों की तस्करी हो रही है।
हाल ही में, भारतीय नौसेना और श्रीलंकाई नौसेना के संयुक्त अभियान में अरब सागर से 500 किलो क्रिस्टल मेथ ड्रग्स जब्त किए गए। यह ड्रग्स दो नौकाओं से जब्त किया गया था, जो कि एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी के नेटवर्क का हिस्सा थीं। इस अभियान में भारतीय नौसेना के समुद्री गश्ती विमान और ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था, जिनकी मदद से श्रीलंकाई नौसेना ने तस्करों की सूचना दी थी। जब्त की गई नौकाओं, उनके चालक दल और नशीले पदार्थों को श्रीलंकाई अधिकारियों को सौंप दिया गया है, जो अब आगे की कानूनी कार्रवाई करेंगे।
इसके अलावा, भारतीय तटरक्षक बल ने हाल ही में अंडमान-निकोबार के समुद्री क्षेत्र में 5,500 किलो मेथाम्पटामिन ड्रग्स जब्त किया था। तटरक्षक बल ने रूटीन सर्विलांस के दौरान संदिग्ध नौका का पता लगाया, और जब चालक ने भागने की कोशिश की, तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस प्रकार की जब्तियां भारत में बढ़ती ड्रग्स तस्करी को उजागर करती हैं, जो मुख्य रूप से समुद्री रास्तों से होती है।
भारत का भूगोल और अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्रों के कारण यह ड्रग्स तस्करों के लिए एक प्रमुख मार्ग बन चुका है। म्यांमार और अफगानिस्तान से आने वाली ड्रग्स का भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में बड़ी मात्रा में तस्करी होती है, जबकि पाकिस्तान और ईरान भी इस नेटवर्क का हिस्सा हैं। इन देशों से तस्करी की गई ड्रग्स भारत के समुद्री रास्तों से होकर पश्चिमी देशों और अन्य क्षेत्रों में भेजी जाती है, जिससे वैश्विक ड्रग्स व्यापार को बढ़ावा मिलता है।
भारत सरकार और सुरक्षा बलों द्वारा इस समस्या से निपटने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों में समुद्री गश्त, बेहतर निगरानी प्रणाली और अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल की सफल कार्यवाहियों से यह साफ है कि ड्रग्स तस्करी पर नियंत्रण पाने के लिए भारत अपनी समुद्री सुरक्षा को मजबूती से लागू कर रहा है। इन घटनाओं ने यह भी स्पष्ट किया है कि ड्रग्स तस्करी को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और तंत्र को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि इस जटिल समस्या का समाधान किया जा सके।