दिल्ली में नवंबर में विधानसभा चुनाव कराना असंभव: जानिए नियम और अड़चनें

आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है। दो दिन पहले पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, उन्होंने स्पष्ट किया कि वे तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे जब तक जनता उन्हें एक बार फिर से जीत नहीं दिलाएगी।

केजरीवाल ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ ही दिल्ली में भी विधानसभा चुनाव कराए जाएं। हालांकि, उनकी यह मांग पूरी होती नजर नहीं आ रही है। इसके पीछे कई कारण हैं, जिनमें से प्रमुख हैं:

इलेक्टोरल रोल की तैयारी

दिल्ली का इलेक्टोरल रोल अभी तैयार नहीं है। इसके तैयार होने में कम से कम दो महीने का समय लगेगा। चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू-कश्मीर के इलेक्टोरल रोल की प्रक्रिया 25 जून को शुरू की थी। इलेक्टोरल रोल का अंतिम डेटा 20 अगस्त को प्रकाशित हुआ था। इसके बाद दिल्ली का इलेक्टोरल रोल अपडेट किया जा रहा है। 19 से 28 अक्टूबर के बीच ड्राफ्ट रोल तैयार होगा और 29 अक्टूबर को पब्लिश किया जाएगा। इसके बाद दावे-आपत्तियां 28 नवंबर तक जमा की जा सकेंगी और 24 दिसंबर तक उनका निपटारा किया जाएगा। फाइनल इलेक्टोरल रोल 6 जनवरी 2025 को पब्लिश होगा। इस प्रक्रिया को देखते हुए नवंबर में चुनाव कराना कठिन लगता है।

विधानसभा का कार्यकाल

दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को समाप्त होगा। जनप्रतिनिधि कानून की धारा 15 के तहत, किसी विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से 6 महीने पहले चुनाव आयोग चुनाव की तारीखें घोषित कर सकता है। इसके लिए विधानसभा का भंग होना जरूरी है, लेकिन दिल्ली की विधानसभा अभी तक भंग नहीं हुई है। विधानसभा भंग करने के लिए दिल्ली सरकार को प्रस्ताव देना होगा, जिसे उपराज्यपाल को मंजूर करना होगा। दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच मौजूदा मतभेदों को देखते हुए, विधानसभा भंग करने की संभावना कम है।

 कारण बताना जरूरी

दिल्ली सरकार को चुनाव आयोग को यह भी बताना होगा कि विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से 5 महीने पहले चुनाव क्यों कराए जाएं। यदि सरकार इसका ठोस कारण प्रस्तुत नहीं करती है, तो चुनाव आयोग इस पर विचार नहीं कर सकता।

इन कारणों से, दिल्ली में नवंबर में चुनाव कराना मुश्किल प्रतीत होता है। अब देखना यह है कि क्या केजरीवाल की मांग को स्वीकार किया जाएगा और भविष्य में दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखें कब तय की जाएंगी।