सीता सोरेन पर इरफान अंसारी की टिप्पणी से सियासी बवाल, भाजपा में शामिल होने के बाद बढ़ा विवाद
झारखण्ड : भाजपा नेता सीता सोरेन और कांग्रेस नेता इरफान अंसारी के बीच हाल ही में बयानबाजी में जबरदस्त तीखेपन की झलक देखने को मिली है, जहां इरफान अंसारी द्वारा की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी ने राज्य की सियासी फिजा को गरमा दिया है। दरअसल, भाजपा जिला कार्यालय में आयोजित एक भावुक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीता सोरेन ने अपनी आपबीती साझा की और बताया कि कैसे उनके चुनावी मैदान में उतरने के बाद से कांग्रेस नेता इरफान अंसारी बार-बार उन्हें निशाना बना रहे हैं।
सीता सोरेन ने भावुक होकर कहा कि इरफान अंसारी के शब्दों ने न केवल उनकी भावनाओं को आहत किया है, बल्कि यह भी कहा कि उनके बयान आदिवासी महिलाओं के लिए अपमानजनक हैं। उन्होंने कहा कि उनका यह बयान उनके पूरे आदिवासी समुदाय का अपमान है, जो कभी भी इस टिप्पणी को माफ नहीं करेगा। सीता सोरेन ने अपने ससुर, झारखंड के प्रसिद्ध नेता और दिशोम गुरु के नाम से लोकप्रिय शिबू सोरेन का भी उल्लेख किया और कहा कि उन्होंने जामताड़ा से अपने आंदोलन की शुरुआत की थी। आज उसी भूमि पर उनकी पुत्रवधू के प्रति की गई इस प्रकार की भाषा असहनीय है। उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की कि इरफान अंसारी ने उनके झारखंड में रहने और योगदान पर सवाल उठाए हैं, और उन्हें ‘ओडिशा से आई हुई’ बताया।
वहीं, इस विवाद के बीच इरफान अंसारी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा महिलाओं का सम्मान करती है, और झारखंड सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए किए गए कार्यों का उदाहरण भी दिया। उन्होंने सीता सोरेन को सीधे मुद्दे पर आने की सलाह दी और उनकी उम्मीदवारी के लिए बधाई दी, लेकिन उनकी टिप्पणियों ने एक नई बहस को जन्म दे दिया। भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी और आरोप लगाया कि इरफान अंसारी का बयान झारखंड की मौजूदा गठबंधन सरकार की महिला-विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
इसके अतिरिक्त, हाल ही में हेमंत सोरेन के जेल जाने की अटकलों और पारिवारिक मतभेद के बीच सीता सोरेन का भाजपा में शामिल होना भी इस घटनाक्रम को नया मोड़ देता है। उनके भाजपा से जुड़ने के बाद इस विवाद का राजनीतिक असर काफी बढ़ गया है।