रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि भाजपा एक तरफ़ तो धार्मिक ध्रुवीकरण कर और नफरत फैला कर भारत की सदियों पुरानी ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की परंपरा का अपमान करती है, तो दूसरी ओर सब धर्मों के सम्मान का ढोंग व पाखंड करती है। यह दोगली भाषा अविश्वसनीय है। इसे ही तो कहते हैं – “नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज़ को चली”। भाजपा राज्यों के चुनावों में भी विकास एवं जन समस्याओं के विषय पर चर्चा नहीं करती बल्कि वोट कर ध्रुवीकरण करने ‘श्मशान-कब्रिस्तान’, ‘80 बनाम 20’, ‘बुलडोज़र’, ‘गर्मी निकालना’। जैसे उन्मादी भड़काउ घृणा फैलाने वाली भाषण देकर फिजा को खराब करती है। भाजपाई के राजनीति में ‘विकास’, ‘रोजगार’, ‘प्रगति’, ‘शिक्षा’, ‘कृषि’, ‘सिंचाई’, ‘बिजली’, ‘बुनियादी ढांचा’ जैसे शब्दों के मायने नहीं रह गए। भाजपा नेतृत्व की सत्ता की हवस देश की “सर्वधर्म समभाव” की संस्कृति को अपूरणीय क्षति पहुंचा रही है। इसके चलते देश के सिख, मुस्लिम, ईसाई, दलित, आदिवासी और ओबीसी मोदी सरकार की ओर से समर्थित असामाजिक तत्वों की हिंसा व शोषण का शिकार हो रहे हैं। भाजपा में नूपूर शर्मा, नवीन कुमार जिंदल की तरह सैकड़ो है जो भाजपा के केन्द्र से राज्य इकाई तक सिर्फ सोशल मीडिया, मीडिया में जहर उगलते है, नफरत फैलाते हैं।
भाजपा अपने अपराधों का पश्चात्ताप करने की बजाय गिरगिट की तरह रंग बदल रही : मोहन मरकाम
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