“अन्नू साहू की प्रेरणादायक यात्रा: ‘दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना’ से मिली नई जिंदगी”

रायपुर:  अन्नू साहू की कहानी एक अद्वितीय साहस और संघर्ष का प्रतीक है, जिसने उन्हें कठिनाईयों के अंधेरे से निकालकर एक नई रोशनी की ओर बढ़ने का मार्ग दिखाया। जब उनके पति गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हुए, तो उनका परिवार आर्थिक संकट में फंस गया। अन्नू ने घरेलू कामगार के रूप में काम करना शुरू किया, लेकिन उस काम से मिलने वाली आय इतनी कम थी कि वह अपने परिवार का सही से भरण-पोषण भी नहीं कर पा रही थीं। इस निराशाजनक परिस्थिति में, उन्होंने ठान लिया कि कुछ नया और बेहतर करने का समय आ गया है।

राजनांदगांव की गलियों में ई-रिक्शा चलाते हुए अन्नू की छवि अब एक निडर और आत्मनिर्भर महिला की बन गई है। उन्होंने बारहवीं कक्षा तक पढ़ाई की और इसके बाद घरेलू काम में जुट गईं, लेकिन कमाई की कमी ने उन्हें असहाय बना दिया था। अन्नू ने अपने आसपास के साथी श्रमिकों से उनकी अनुभव कहानियां सुनकर प्रेरणा ली, और इसके माध्यम से यह तय किया कि उन्हें अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए नए रास्ते अपनाने होंगे।

उनके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब उन्हें श्रम विभाग की “दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना” के बारे में पता चला। यह योजना विशेष रूप से महिलाओं के लिए बनाई गई थी, ताकि वे ई-रिक्शा खरीदने के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकें। अन्नू ने इस अवसर को पूरी तरह से अपनाया। ज़िला श्रम अधिकारी की मदद से, उन्होंने सभी आवश्यक दस्तावेज़ तैयार किए और आवेदन प्रक्रिया को त्वरित रूप से पूरा किया। जब उनका आवेदन मंजूर हुआ, तो यह उनके लिए एक नई आशा और स्वतंत्रता का प्रतीक बन गया।

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ई-रिक्शा चलाकर अन्नू ने न केवल अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित किया, बल्कि अपनी मासिक आय को भी चार गुना बढ़ा लिया। अब वह हर महीने 20 से 25 हजार रुपये कमा रही हैं, जिससे उनके परिवार की कुल आय 40 से 45 हजार रुपये प्रति माह तक पहुँच गई है। अन्नू अब अपने बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं, और उन्होंने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में जबरदस्त सुधार किया है।

अन्नू की यह यात्रा सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के महत्व को भी स्पष्ट करती है। जब इन योजनाओं को संवेदनशीलता और लचीलापन के साथ डिजाइन किया जाता है, तो वे हाशिए पर रहने वाले समुदायों की समस्याओं का समाधान कर सकती हैं। अन्नू की कहानी इस बात का जीवंत उदाहरण है कि कैसे लक्षित हस्तक्षेप व्यक्तियों को उनके जीवन को बदलने और उनके परिवारों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य सुरक्षित करने में सक्षम बना सकते हैं। यह कहानी न केवल अन्नू की मेहनत और साहस को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि महिलाओं को सशक्त बनाकर और उनके लिए अवसर प्रदान करके, समाज को एक नई दिशा दी जा सकती है।