होली की ड्यूटी के दौरान निरीक्षक संजय पाठक का निधन, पुलिस महकमे में शोक की लहर
इंदौर: मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में होली के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिस निरीक्षक संजय पाठक की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई, जिससे पूरे पुलिस महकमे और उनके परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई। निरीक्षक संजय पाठक, जो पुलिस उप महानिरीक्षक कार्यालय में पदस्थ थे, उन्हें बेटमा क्षेत्र में होली के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए ड्यूटी पर तैनात किया गया था। अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अचानक उन्हें सीने में तेज दर्द उठा, जिसके बाद तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। चिकित्सकों ने उनकी मौत का कारण हृदयाघात (हार्ट अटैक) बताया।
इस दुखद घटना पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गहरा शोक व्यक्त किया और संजय पाठक के परिवार के प्रति संवेदनाएं प्रकट कीं। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा, “इंदौर ग्रामीण क्षेत्र अंतर्गत बेटमा में ड्यूटी पर तैनात कर्तव्यनिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय पाठक के असामयिक निधन का दुःखद समाचार मिला है। उनकी जनसेवा और कर्तव्यनिष्ठा को सदैव याद किया जाएगा। मेरी गहरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। संजय पाठक का योगदान हमेशा सम्मान के साथ स्मरण किया जाएगा।” मुख्यमंत्री ने आगे परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले और परिवार को इस अपार दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें।
दरअसल, शुक्रवार को होली का त्योहार और रमजान माह के जुमे की नमाज एक ही दिन पड़ने के कारण पूरे राज्य में विशेष सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई थी। विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती की गई थी ताकि त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके। इसी के तहत राज्यभर के पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाया गया था। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर सहित अन्य जिलों में पुलिस बल गश्त पर रहा और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी गई। प्रशासन की सख्ती और पुलिस की चौकसी के चलते राज्यभर में त्योहार शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाया गया। हालांकि, इस बीच निरीक्षक संजय पाठक की अचानक मृत्यु ने सभी को झकझोर दिया।
संजय पाठक को एक कर्मठ, अनुशासित और कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी के रूप में जाना जाता था। उन्होंने अपने पूरे करियर में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अथक परिश्रम किया। उनके सहयोगियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि “पाठक न केवल एक काबिल अधिकारी थे, बल्कि अपने सहकर्मियों के लिए एक प्रेरणा भी थे।” उनके असमय निधन से पुलिस विभाग ने एक समर्पित अधिकारी खो दिया, जिसकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी। राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन द्वारा उनके परिवार को हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन भी दिया गया है।