संयुक्त राष्ट्र में भारत की तरफ से जवाब देने का अधिकार इस्तेमाल करते हुए भारतीय राजनयिक एल्डोस मैथ्यू पुन्नूस ने पाकिस्तान की गैर-जिम्मेदाराना हरकतों पर करारा प्रहार किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान का जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर बयान पूरी तरह से झूठा और भ्रामक है, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। पुन्नूस ने कहा कि पाकिस्तान अपने देश के हालात और विशेष रूप से पीओके में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों पर ध्यान देने की बजाय दूसरों पर आरोप लगाने में व्यस्त है।
भारत ने अपने जवाब में पाकिस्तान पर यह भी आरोप लगाया कि वह आतंकवाद का केंद्र बन चुका है और दुनिया के सामने उसकी वास्तविकता छिपी नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान को पहले अपने घर में झांकना चाहिए और यह देखना चाहिए कि किस प्रकार से वह अपने ही नागरिकों, विशेष रूप से अल्पसंख्यकों और महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। इसके अलावा, पीओके में चल रही अमानवीय गतिविधियों को उजागर करते हुए भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि वह अपने अंदर झांकने से पहले दूसरों पर बेबुनियाद आरोप न लगाए।
पुन्नूस ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद की ओर खींचा और कहा कि यह न केवल भारत बल्कि पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा हैं और रहेंगे, और पाकिस्तान को इन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।
इस तीखे बयान ने पाकिस्तान को न केवल संयुक्त राष्ट्र के मंच पर घेरा बल्कि उसके उन निराधार आरोपों की पोल भी खोली, जिन्हें वह बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की कोशिश करता रहा है। भारत ने पाकिस्तान के लिए यह स्पष्ट कर दिया कि उसकी कोशिशें अब बेकार हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय उसकी चालों को समझ चुका है।
भारत के इस सख्त जवाब ने यह भी दिखाया कि वह हर मंच पर अपने हितों और संप्रभुता की रक्षा के लिए तत्पर है, और पाकिस्तान द्वारा की जा रही दुष्प्रचार की हर कोशिश को विफल करेगा।