भारत की औद्योगिक और व्यापारिक क्रांति: वेबिनार में प्रधानमंत्री मोदी ने निवेश, तकनीकी उन्नति और वैश्विक साझेदारी पर दिया जोर
नई दिल्ली: भारत की औद्योगिक, व्यापारिक और ऊर्जा रणनीतियों पर केंद्रित एक महत्वपूर्ण वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें सरकारी अधिकारियों, उद्योग जगत के नेताओं और व्यापार विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस वेबिनार का उद्देश्य बजट में घोषित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन, निवेश सुविधा और तकनीकी उन्नति पर विस्तृत चर्चा करना था, ताकि भारत की अर्थव्यवस्था को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप मजबूती प्रदान की जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर उद्योग जगत से आह्वान किया कि वे केवल मूकदर्शक न बने, बल्कि वैश्विक आपूर्ति शृंखला में मौजूद अवसरों का अधिकतम लाभ उठाएं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया भारत के साथ अपनी आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना चाहती है, और ऐसे में भारत के विनिर्माण क्षेत्र को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि देश को निर्यात बढ़ाने के लिए अनुसंधान एवं विकास पर अधिक जोर देना चाहिए, ताकि अभिनव और मांग में रहने वाले उत्पादों का निर्माण किया जा सके।
इस वेबिनार में नियामकीय सुधारों, निवेश को सुगम बनाने, एमएसएमई को आर्थिक विकास का इंजन बनाने और परमाणु ऊर्जा मिशन जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अनुसार, इस वेबिनार का प्रमुख उद्देश्य सरकारी और निजी क्षेत्र के हितधारकों को एक साझा मंच प्रदान करना था, जहां वे बजट के लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करने की दिशा में रणनीति तैयार कर सकें। पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत स्थिर नीतियों और अनुकूल कारोबारी माहौल के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख वृद्धि इंजन बन गया है और कठिन समय में भी देश ने अपनी लचीलापन और क्षमता को साबित किया है।
प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत को अनुसंधान एवं विकास को अपनाकर वैश्विक मांग के अनुरूप उत्पाद विकसित करने की सलाह दी, जिससे भारत के निर्यात को और अधिक बढ़ावा मिल सके। उन्होंने कहा कि आज दुनिया को एक भरोसेमंद साझेदार की आवश्यकता है, और भारत इस अवसर का भरपूर लाभ उठा सकता है। इसके लिए उद्योग जगत को महज दर्शक बनकर रहने के बजाय सक्रिय भूमिका निभानी होगी और वैश्विक आपूर्ति शृंखला में अपने योगदान को और अधिक सशक्त बनाना होगा।
वेबिनार के दौरान विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं ने विभिन्न चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की, जिससे भारत की औद्योगिक और व्यापारिक नीतियों को अधिक प्रभावी और व्यावहारिक बनाया जा सके। इस चर्चा का मुख्य उद्देश्य बजट के प्रावधानों को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए हितधारकों के बीच समन्वय बढ़ाना था, ताकि भारत को एक मजबूत आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित किया जा सके। यह पहल भारत में नीतिगत सुधारों को गति देने और आर्थिक विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।