“इंडियाज गॉट लैटेंट विवाद: आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में रणवीर अल्लाहबादिया और अपूर्वा मुखीजा ने राष्ट्रीय महिला आयोग के सामने दर्ज कराए बयान”
देशभर में विवादों में घिरे ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ शो का मामला अभी शांत नहीं हुआ है और इसकी जांच लगातार जारी है। इस विवाद में कई प्रमुख यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स के नाम सामने आए हैं, जिनसे पुलिस और राष्ट्रीय महिला आयोग पूछताछ कर रहा है। हाल ही में यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया और इंफ्लुएंसर अपूर्वा मुखीजा ने राष्ट्रीय महिला आयोग के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए हैं। इसके अलावा, शो के दो प्रोड्यूसर सौरभ बोथरा और तुषार पुजारी भी उनके साथ उपस्थित हुए। इससे पहले गुरुवार को मशहूर यूट्यूबर आशीष चंचलानी गुवाहाटी पुलिस की क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुए थे, जहां उन्होंने मामले में अपना पक्ष रखा। इसके बाद उनकी कानूनी टीम ने एक याचिका दायर कर एफआईआर को रद्द करने या इसे मुंबई स्थानांतरित करने की मांग की।
मामला तब और गंभीर हो गया जब सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर अल्लाहबादिया को इस पूरे विवाद के लिए कड़ी फटकार लगाई और उनके शो ‘द रणवीर शो’ पर तत्काल प्रभाव से पाबंदी लगा दी। हालांकि, बाद में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से शो को दोबारा शुरू करने की गुहार लगाई, यह दलील देते हुए कि इससे 280 लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर विचार करते हुए कुछ सख्त शर्तों के साथ शो को दोबारा ऑन एयर करने की अनुमति दी, लेकिन हिदायत दी कि भविष्य में किसी भी तरह की अमर्यादित या आपत्तिजनक टिप्पणी से बचा जाए।
गौरतलब है कि ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ एक कॉमेडी शो था, जिसमें कई प्रसिद्ध कंटेंट क्रिएटर्स शामिल थे। शो के दौरान एक कंटेस्टेंट के माता-पिता को लेकर किए गए आपत्तिजनक कमेंट्स के कारण यह विवाद भड़क उठा। इस टिप्पणी के बाद शो के खिलाफ देशभर में आक्रोश देखने को मिला और कई स्थानों पर शिकायतें दर्ज कराई गईं। पुलिस ने इस मामले में संलिप्त कई लोगों को समन भेजा और पूछताछ की। बढ़ते विवाद को देखते हुए, शो के आयोजकों ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा।
इस पूरे प्रकरण में रणवीर अल्लाहबादिया को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी, जबकि शो के अन्य प्रमुख सदस्य भी स्थिति को संभालने के प्रयास में जुटे हुए हैं। शो के मुख्य आयोजक समय रैना ने मामले को शांत करने के लिए अपने यूट्यूब चैनल से संबंधित सभी वीडियो हटा दिए हैं। हालांकि, इस विवाद ने डिजिटल मीडिया की जिम्मेदारी और मर्यादा को लेकर नई बहस छेड़ दी है। प्रशासन इस मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है, वहीं यूट्यूबर्स और कंटेंट क्रिएटर्स के लिए यह एक बड़ा सबक बनकर उभरा है।