भारतीय नौसेना ने मौजूदा ऑक्सीजन संकट को कम करने के लिए ओआरएस तैयार की
नई दिल्ली :- भारतीय नौसेना ने मौजूदा ऑक्सीजन संकट को कम करने के लिए ऑक्सीजन पुनर्चक्र प्रणाली यानी ओआरएस तैयार की है।
नौसेना के दक्षिणी कमान के डाइविंग स्कूल ने मौजूदा ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए इस तरह की प्रणाली संबंधी अवधारणा और डिजाइन को तैयार किया है। यह मौजूदा मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडरों के क्षमता को दो से चार गुना बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। इस तथ्य का इस्तेमाल करते हुए यह जानकारी सामने आई है कि एक रोगी द्वारा नाक से ली गई ऑक्सीजन का केवल एक छोटा सा प्रतिशत फेफड़ों द्वारा खीचा जाता है और बाकी को कार्बन-डाइऑक्साइड के साथ बाहर निकाला जाता है।
रक्षा मंत्रालय ने बयान में कहा कि मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार, नैदानिक परीक्षणों के लिए इस प्रणाली को आगे बढ़ाया जा रहा है, जिसके तेजी से पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद देश में बड़े पैमाने पर उत्पादन स्वतंत्र रूप से शुरू हो जायेगा।
इसमें कहा गया है कि ओआरएस में इस्तेमाल होने वाले सभी घटक स्वदेशी हैं और देश में अच्छे खासे मौजूद हैं। ओआरएस प्रोटोटाइप की कुल लागत 10 हजार रुपये रखी गई है, जबकि ऑक्सीजन के पुनर्चक्र के कारण रोजाना 3 हजार रुपये की बचत सोची गई है।