रायपुर। राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम ने राज्यसभा में विशेष उल्लेख नियम के तहत बच्चों में कैंसर के बढते मामलों पर अपनी चिंता व्यक्त की। सांसद नेताम ने कहा कि भारत में कैंसर के कुल मामलों में बच्चों में कैंसर के कुल 5 प्रतिशत मामले हैं। इसमें भी बालकों में कैंसर के मामले ज्यादा हैं। इसमें भी देश के कुल मामलों के मुकाबले दिल्ली क्षेत्र में बालकों में कैंसर के मामले कहीं ज्यादा सामने आए हैं।
सांसद नेताम ने कहा कि देश में 5 से 14 साल की उम्र के बच्चों में मृत्यु दर का नौवां सबसे बडा कारण कैंसर ही है। कैंसर की शुरुआती पहचान और सही समय पर इलाज नहीं होने के कारण छोटे बच्चों की मृत्यु हो जाती है और यदि कैंसर की पहचान हो भी जाती है तो महंगा इलाज होने के कारण ठीक नहीं हो पाते। अत्याधुनिक चिकित्सा संस्थानों में इलाज कराने वाले बच्चों के जीवित रहने की दर पांच साल के दौरान 75 से 80 फीसदी देखी गई है, जहां पूर्ण प्रशिक्षित और अनुभवी बाल कैंसर विशेषज्ञों द्वारा इलाज किया जाता है।
सासंद नेताम ने केन्द्र सरकार से मांग कर कहा कि बच्चों में कैंसर के मामलों की रोकथाम के लिए एक व्यापक योजना बनाई जाए। अत्याधुनिक चिकित्सा संस्थानों की स्थापना की जाए, जहां पर गरीब बच्चों का अनुभवी चिकित्सकों की ओर से इलाज किया जाए।