“देर रात निरीक्षण में खुले आसमान में सोते पाए गए लोग, प्रशासन की सख्त चेतावनी के बावजूद रैन बसेरों में भेजने का निर्देश”
लखनऊ : पिछले कुछ दिनों में प्रमुख सचिव राजस्व, राहत आयुक्त, मंडलायुक्त और जिलाधिकारी ने खुले आसमान या फुटपाथ पर सोने वालों को रैन बसेरों में भेजने की सख्त हिदायत दी थी, ताकि शर्दी के मौसम में किसी को भी खुले में रात बिताने की तकलीफ न हो। बावजूद इसके, जब अधिकारी खुद देर रात निरीक्षण के लिए सड़कों पर निकले तो वे निराश हुए, क्योंकि फुटपाथों पर सोते हुए लोग जगह-जगह पाए गए, जो प्रशासन की सख्त चेतावनियों के बावजूद खुले आसमान में सो रहे थे।
यह निरीक्षण मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब और जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार की ओर से किया गया था, जिन्होंने लालबाग, कैसरबाग बस अड्डा, अमीनाबाद, चारबाग समेत विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान दोनों अधिकारियों ने बापू भवन सचिवालय के सामने फुटपाथ पर सोते एक शख्स को देखा और तुरंत कार्रवाई की, उन्हें कंबल दिया गया और रैन बसेरे में भेजने के निर्देश नगर निगम अधिकारियों को दिए गए।
इस सख्ती को देखते हुए नगर निगम अधिकारियों ने इस आदेश को तुरंत प्रभाव में लाकर लोगों को शेल्टर होम्स में भेजने का काम शुरू किया। इस जांच के दौरान, अधिकारियों ने अन्य क्षेत्रों में भी भ्रमण किया और खुले में सो रहे कई लोगों को रैन बसेरे भेजने की प्रक्रिया शुरू की।
इस घटना से यह स्पष्ट हो जाता है कि प्रशासन ने सभी आदेशों के बावजूद स्थिति पर नियंत्रण कायम नहीं किया था। अधिकारियों की चेतावनी के बावजूद हालात में सुधार नहीं होना चिन्ता का विषय बन गया है, और आगामी दिनों में इस प्रक्रिया की पूरी निगरानी रखने की आवश्यकता महसूस होती है।
