रायपुर/बिलासपुर। भारतीय रेल के सुरक्षित एवं संरक्षित परिचालन में आधी आबादी (महिलाओं) की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है । भारतीय रेलवे में महिलाएं अलग-अलग विभागों में महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम दे रही। चाहे वह ड्राइवर के रुप में रेल चालन हो, गार्ड, इंजीनियर, टीटीई, ट्रेक मेंटेनर, आरपीएफ या स्टेशन मास्टर सभी कार्यों को महिलाएं भलीभांति अंजाम दे रही हैं।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में भी वर्तमान में 3260 महिलाएं कार्यरत हैं, जिसमें राजपत्रित पदों पर 37 और अराजपत्रित पदों पर 3220 शमिल है। रायपुर रेल मंडल में लगभग 825 महिलाएं विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में वर्तमान में 40 महिला ड्राइवर, 10 गार्ड,13 स्टेशन मास्टर, 404 ट्रैक मेंटेनर और 103 आरपीएफ सहित अन्य विभागों में भी महिलाएं अलग-अलग सेवाएं दे रही हैं।
महिला कर्मचारियों की सुविधा का भी रेल प्रशासन बराबर ध्यान रखती है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए समय-समय पर हेल्थ चेक अप कैम्प आयोजित किए जाते हैं। महिलाओं की सुविधा के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के कई स्थानों में सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन स्थापित किए गए हैं। महिला कर्मियों के लिए महिला कर्मचारियों की समस्याओं व शिकायतों के निवारण के लिए महिलाओं की समिति भी गठित की गई है ।
ट्रेन से यात्रा कर रही महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे सुरक्षा बल की ओर से “मेरी सहेली” नामक अभियान शुरू किया गया है। इसके अंतर्गत रेलवे सुरक्षा बल की ओर से ट्रेनों में अकेले यात्रा कर रही महिला यात्रियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। सफर के दौरान महिला आरपीएफ़ कर्मी की ओर से व्यक्तिगत रूप से महिला यात्रियों से मिलकर सुरक्षा संबंधी व अन्य किसी भी तरह की समस्याओं को सुना जा रहा है, उन्हें जागरूक किया जा रहा है और रास्ते में आने वाली सुरक्षा संबंधी समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए आरपीएफ़ हेल्प लाइन नं.182 और संबन्धित मण्डल सुरक्षा कंट्रोल का नंबर भी उपलब्ध कराया गया है ।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की महिला खिलाड़ियों की ओर से भी अनेक खेलों में काफी अच्छा प्रदर्शन कर इस रेलवे का गौरव बढ़ाया गया है । अभी हाल ही में भिलाई में आयोजित स्टेट पावर लिफ्टिंग चैंपियनशीप में हमारी रेलवे की महिला पावर लिफ्टर संतोषी मांझी ने स्वर्ण पदक जीतकर पूरे छत्तीसगढ़ में स्ट्रांग वूमन 2021 का खिताब हासिल किया। महिला पावर लिफ्टर जे. रामालक्ष्मी ने सीनियर नेशनल पावर लिफ्टिंग चैम्पिनशीप में गोल्ड मेडल जीतकर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का नाम रौशन किया है ।
इसके साथ ही साथ भारतीय रेलवे के ओर से महिला रेल यात्रियों को अनेकों सुविधाएं दी जाती हैं। इसमें ये प्रमुख सुविधाएं शामिल है:- लंबी दूरी की मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में 6 स्लीपर क्लास की बर्थ अकेले यात्रा कर रही महिलाओं या महिलाओं के समूह के लिए रखी जाती है । सभी ट्रेनों के प्रत्येक स्लीपर कोचों में 6 बर्थ और वातानूकुलित-3 व वातानूकुलित-2 श्रेणियों में 3 लोवर बर्थ सिनीयर सिटीजन, महिलाएं जिनकी उम्र 45 वर्ष या इसके उपर हो तथा गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित रखी जाती है। दुरंतो एवं राजधानी के वातानूकुलित-3 श्रेणी के कोचो में भी 4 लोवर बर्थ सुरक्षित रखी जाती है।
महत्वपूर्ण स्टेशनों में महिलाओं के लिए अलग प्रतीक्षालय, स्टेशनों में महिलाओं के लिए अलग प्रसाधन, महिला जिनके साथ नवजात शिुशु है, उनके लिए बेबी फीडिंग कार्नर के साथ ही साथ ट्रेनों में महिलाओं के लिए अनारक्षित श्रेणी के कोच और कोच के हिस्सों को महिलाओं के लिए आरक्षित व महिलाओं की अधिक भीड़भाड़ वाले शहरों में महिला स्पेशल गाड़ियां भी चलाई जाती है। महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों से बचे बर्थों को महिला यात्रियों को ही अलाट की जाती है । महिला रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे के द्वारा टोल फ्री महिला हेल्पलाइन नंबर 18002332534 भी जारी की गई है। महिला कर्मचारियों एवं रेल यात्रियों की सुविधा एवं समानता के लिए भारतीय रेलवे के साथ-साथ दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे हमेशा प्रयासरत है।
रेल परिचालन में आधी आबादी की महत्वपूर्ण भूमिका,दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में कार्यरत हैं 3260 महिला कर्मी
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