जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और गृह मंत्री अमित शाह की महत्वपूर्ण मुलाकात, स्टेटहुड और विकास को लेकर हुई विस्तृत चर्चा
दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण रही, क्योंकि इसमें जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक भविष्य, सुरक्षा व्यवस्था, औद्योगिक नीति, पर्यटन विकास और राज्य के पुनर्गठन से जुड़े मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, यह बैठक बेहद सकारात्मक रही और इसमें जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की संभावना पर भी विस्तार से विचार किया गया।
स्टेटहुड का मुद्दा रहा केंद्र में
सूत्रों की मानें तो बैठक में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का रहा। उमर अब्दुल्ला ने गृह मंत्री के सामने यह मांग दोहराई कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल करे, ताकि जनता को आत्मनिर्णय और अधिक प्रशासनिक स्वायत्तता का अधिकार मिले। यह मुद्दा उमर अब्दुल्ला की चुनावी रणनीति का भी मुख्य केंद्र रहा है, और वे इसे लेकर लगातार प्रयासरत हैं।
सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर भी हुई चर्चा
मुलाकात के दौरान जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को लेकर भी अहम बातचीत हुई। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घाटी में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और हाल ही में हुए आतंकवादी हमलों और घुसपैठ की घटनाओं को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने गृह मंत्री से अपील की कि केंद्र सरकार राज्य में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सुरक्षा एजेंसियों का सहयोग जारी रखे।
गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने भी राज्य सरकार को आश्वासन दिया कि आतंकवाद और उग्रवाद को रोकने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती में कोई कमी नहीं की जाएगी। साथ ही, घाटी में स्थानीय युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं पर भी चर्चा हुई।
औद्योगिक और पर्यटन विकास की नई योजनाओं पर जोर
बैठक में जम्मू-कश्मीर में औद्योगिक निवेश और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियों पर भी चर्चा की गई। उमर अब्दुल्ला ने केंद्र से अनुरोध किया कि राज्य में औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की जाए। इसके अलावा, पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए नई योजनाएं बनाने और केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता देने पर भी बातचीत हुई।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से पर्यटन स्थलों जैसे गुलमर्ग, पहलगाम, सोनमर्ग और श्रीनगर के ऐतिहासिक स्थलों के पुनर्विकास पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने और पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए केंद्र सरकार अतिरिक्त अनुदान जारी करे।
राजनीतिक समीकरण और आगामी रणनीति
राजनीतिक दृष्टि से यह बैठक कई मायनों में अहम मानी जा रही है। उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य के पुनर्गठन और स्टेटहुड को बहाल करने के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। अब जब वे मुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहे हैं, तो इस मांग को लेकर उनका रुख और भी स्पष्ट हो गया है।
बैठक के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो सकती है। हालांकि, केंद्र सरकार की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन उमर अब्दुल्ला के प्रयासों को देखते हुए आने वाले महीनों में इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जा सकता है।
बैठक के नतीजे और आगे की राह
इस उच्चस्तरीय बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक और प्रशासनिक गतिविधियां तेज होने की संभावना है। स्टेटहुड बहाली के अलावा, सरकार का ध्यान औद्योगिक विकास, पर्यटन सुधार, रोजगार बढ़ाने और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने पर केंद्रित रहेगा।
आगामी समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार उमर अब्दुल्ला की मांगों पर क्या रुख अपनाती है और जम्मू-कश्मीर के भविष्य को लेकर क्या बड़े फैसले लिए जाते हैं। लेकिन एक बात तय है कि यह मुलाकात राज्य की राजनीति और विकास योजनाओं को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
