IIFA Awards 2025: सोनू निगम को नॉमिनेशन से किया गया नजरअंदाज, सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा
आईफा अवॉर्ड्स 2025 के बाद मशहूर गायक सोनू निगम एक सोशल मीडिया पोस्ट के चलते चर्चा में आ गए हैं। जयपुर में संपन्न हुए इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड समारोह में उन्हें किसी भी श्रेणी में नामांकन नहीं मिला, जिससे वे खासे नाराज नजर आए। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें इस वर्ष के बेस्ट सिंगर अवॉर्ड के लिए नामांकित गायकों की सूची थी। इस लिस्ट में बादशाह, जुबिन नौटियाल, दिलजीत दोसांझ और अन्य गायकों के नाम शामिल थे, लेकिन सोनू निगम का नाम इसमें नहीं था। इस पर तंज कसते हुए उन्होंने लिखा, ‘शुक्रिया आईफा, आखिरकार आप, आखिर राजस्थान सरकार के प्रति भी तो आपकी जवाबदेही थी’। उनकी इस पोस्ट ने इंटरनेट पर हलचल मचा दी, और इसे लेकर चर्चाएं शुरू हो गईं कि क्या यह अवॉर्ड्स में उनके नाम की अनदेखी से उपजी नाराजगी है, या इसके पीछे कोई और वजह छिपी है।
इस मामले को बीते दिसंबर 2024 में जयपुर में आयोजित राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट से जोड़कर देखा जा रहा है, जहां सोनू निगम ने परफॉर्मेंस दी थी। इस इवेंट में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और कई मंत्री भी मौजूद थे। लेकिन जब सोनू निगम मंच पर प्रस्तुति दे रहे थे, तभी मुख्यमंत्री और मंत्रीगण बिना किसी पूर्व सूचना के कार्यक्रम छोड़कर चले गए। यह व्यवहार उन्हें बेहद असहज और असम्मानजनक लगा। बाद में उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए लिखा था, ‘किसी भी कलाकार की प्रस्तुति के दौरान बीच में उठकर चले जाना कला का अपमान है, कलाकार का अपमान है’। उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर बहस छिड़ गई थी, और अब कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद इसी कारणवश आईफा ने उन्हें न केवल अवॉर्ड्स से, बल्कि नॉमिनेशन तक से बाहर कर दिया।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब बॉलीवुड में अवॉर्ड समारोहों की पारदर्शिता और पक्षपात को लेकर सवाल उठे हों। सोनू निगम जैसे दिग्गज गायक, जिन्होंने दशकों से अपनी मधुर आवाज से लोगों का दिल जीता है, अगर उन्हें नामांकन तक नहीं मिलता है, तो यह निश्चित रूप से एक बड़ी चर्चा का विषय बन जाता है। सोनू निगम की इस प्रतिक्रिया ने न केवल आईफा की चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि कलाकारों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है, इसका प्रभाव दूरगामी हो सकता है। अब देखना यह होगा कि इस पूरे विवाद पर आईफा या राजस्थान सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया आती है या नहीं।