“छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सलीम राज को मिली धमकी पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने की सुरक्षा बढ़ाने की घोषणा”

रायपुर :  छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज को हाल ही में जान से मारने की धमकियां मिलने के बाद उनके सुरक्षा इंतजामों को बढ़ाने की घोषणा की गई है। राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि डॉ. सलीम राज को यह धमकियां इसलिए मिल रही हैं क्योंकि उन्होंने मदरसों और मस्जिदों में चल रही राजनीतिक गतिविधियों पर कड़ी नजर रखना शुरू किया था। उनका उद्देश्य मस्जिदों में धार्मिक शिक्षा और सामाजिक कार्यों को प्राथमिकता देना था, और उन्होंने वक्फ बोर्ड के तहत उन मदरसों को रोकने का प्रयास किया था, जहां राजनीति की गतिविधियाँ धार्मिक कामों में घुल रही थीं।

गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि डॉ. सलीम राज की सुरक्षा को और बढ़ाया जाएगा, और उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार उनके साथ खड़ी है। वह अपने काम को निर्भीकता से जारी रखें, और किसी भी तरह की धमकी उन्हें प्रभावित नहीं कर पाएगी।

मामला तब सामने आया जब डॉ. सलीम राज ने हाल ही में मस्जिदों के मुतवल्लियों (धार्मिक नेता) को एक निर्देश जारी किया था। इस निर्देश के तहत, मस्जिदों में होने वाली तकरीर (धार्मिक भाषण) की जानकारी अब वक्फ बोर्ड को दी जानी चाहिए। इस आदेश के बाद, डॉ. सलीम राज को जान से मारने की धमकी मिली। उन्होंने बताया कि धमकियों में कहा गया था कि उन्हें ‘छह इंच छोटा’ किया जाएगा और ‘सिर कलम करने’ की धमकी दी गई थी।

वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें इन धमकियों से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। उनका मानना है कि उन्होंने जो कदम उठाया वह देश और समाज के हित में था। उनका उद्देश्य मस्जिदों को राजनीति के अखाड़े बनने से रोकना है और एक शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखना है। डॉ. सलीम राज ने कहा कि उनकी नीति के तहत अब तक 154 मुतवल्लियों ने तय विषयों को वक्फ बोर्ड को भेजा, जिन्हें मंजूरी दी गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो मुतवल्ली वक्फ बोर्ड को जानकारी नहीं देंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

यह पूरी स्थिति न केवल धार्मिक गतिविधियों की स्वच्छता की ओर संकेत करती है, बल्कि समाज में राजनीति के दखल को सीमित करने और शांतिपूर्ण वातावरण बनाए रखने की भी आवश्यकता को उजागर करती है। डॉ. सलीम राज की पहल पर राज्य सरकार का समर्थन और उनकी सुरक्षा को लेकर किए गए कदम यह दर्शाते हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार उनके फैसलों को पूरी तरह से समर्थन देती है और किसी भी प्रकार की धमकियों के सामने न झुकने का संदेश देती है।