होली 2025: त्योहार से पहले मिठाइयों और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन सख्त, नियमित जांच के निर्देश जारी

महासमुंद:  कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने आज सुबह 10 बजे साप्ताहिक समय सीमा की बैठक आयोजित की, जिसमें उन्होंने विभिन्न शासकीय और विभागीय योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की। बैठक के दौरान उन्होंने किसान पंजीयन की स्थिति की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस प्रक्रिया में आवश्यक तेजी लाई जाए, ताकि अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसान एग्रीस्टेक परियोजना के तहत फार्मर रजिस्ट्री ऐप/पोर्टल में अपने पंजीकरण को सुनिश्चित करें। इस कार्य के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) और सहकारी समितियों की सहायता लेने को कहा गया है, साथ ही यह भी बताया गया कि किसान स्वयं भी एग्रीटेक ऐप के माध्यम से अपना पंजीयन कर सकते हैं।

बैठक के दौरान कलेक्टर ने धान उठाव की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि शेष बचे 1 लाख 10 हजार क्विंटल धान का उठाव आगामी 13 मार्च तक पूरा कर लिया जाए, ताकि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और धान खरीदी से जुड़ी प्रक्रियाएं सुचारू रूप से संचालित हो सकें। इसके अतिरिक्त, कलेक्टर लंगेह ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत राशन कार्ड धारकों के ई-केवाईसी को लेकर भी विशेष ध्यान देने को कहा। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राशन कार्ड के ई-केवाईसी के लिए 31 मार्च 2025 तक की समय सीमा निर्धारित की गई है। इस पर कलेक्टर ने निर्देश दिया कि हितग्राहियों को समय रहते इसकी जानकारी दी जाए और ज्यादा से ज्यादा लोगों को ई-केवाईसी प्रक्रिया से जोड़ने के प्रयास किए जाएं।

इसके अलावा, कलेक्टर लंगेह ने मौजूदा समय में चल रही बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए परीक्षा केंद्रों में सतर्कता बनाए रखने और किसी भी प्रकार की नकल या अनुचित गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को परीक्षा केंद्रों की नियमित निगरानी करने और छात्रों को निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण माहौल में परीक्षा देने के लिए अनुकूल परिस्थितियां सुनिश्चित करने के लिए कहा।

इस बैठक में जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे और उन्होंने अपनी-अपनी योजनाओं की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। कलेक्टर ने सभी विभागों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे और प्रशासनिक कार्यों को निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरा किया जाए, जिससे जिले में सुशासन और विकास कार्यों की गति बनी रहे।