साय सरकार का ऐतिहासिक कदम, मरीजों के परिजनों को मिलेगी बड़ी राहत
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और गुणवत्ता में लगातार सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देशन में डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिवारों को खून की जांच कराने के लिए अस्पताल की पैथोलॉजी लैब तक जाने की आवश्यकता नहीं होगी। यह कदम मरीजों और उनके परिवारों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
इस नए प्रबंधन व्यवस्था के तहत, अस्पताल में भर्ती सभी अंतः रोगी मरीजों का रक्त परीक्षण सीधे उनके वार्ड में होगा। वार्ड बॉय की टीम मरीजों के रक्त सैंपल लेकर अस्पताल की पैथोलॉजी लैब तक पहुंचाएगी। इसके बाद, ब्लड रिपोर्ट को लैब से एकत्र कर नर्सों के माध्यम से मरीज के वार्ड में जमा किया जाएगा। यह बदलाव मरीजों को अतिरिक्त समय बचाने में मदद करेगा और उनके रिश्तेदारों को अस्पताल के विभिन्न हिस्सों के बीच चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
प्रारंभिक रूप से यह व्यवस्था मेडिसिन मेल वार्ड क्र. 8 और 9 और मेडिसिन फीमेल वार्ड क्र. 10 और 11 में लागू की गई है। अस्पताल प्रबंधन का लक्ष्य इसे धीरे-धीरे सभी वार्डों में विस्तारित करना है, ताकि प्रत्येक मरीज और उनके परिवार को यह सुविधा मिल सके। यह पहल अम्बेडकर अस्पताल में 1340 बेड के साथ इलाज ले रहे हजारों मरीजों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी।
अंबेडकर अस्पताल प्रतिदिन 950 से अधिक मरीजों को भर्ती करता है और लगभग 260 नये मरीजों का इलाज भी करता है। इसके अलावा, बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में आने वाले मरीजों की संख्या प्रतिदिन दो से ढाई हजार के बीच रहती है, जिसके कारण इस तरह की व्यवस्थाएं मरीजों को तत्काल सेवाएं देने में अहम साबित हो रही हैं।
इस सुविधा के लागू होने से न केवल मरीजों को राहत मिलेगी, बल्कि उनके रिश्तेदारों को भी पैथोलॉजी लैब का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा और समय पर इलाज मिल सकेगा। इसके साथ ही अस्पताल में मेडिकल सेवाओं की गति और गुणवत्ता में और भी वृद्धि होगी। यह व्यवस्था सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की ताकत को और मजबूत करेगी, जिससे मरीजों की स्वास्थ्य देखभाल के अनुभव में और सुधार आएगा।
