हेमा मालिनी ने कहा: “चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी हमारी भावना पर आघात, कूटनीति का विषय नहीं”
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर बढ़ते अत्याचार और इस्कॉन के अध्यक्ष चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी ने भारत सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोष पैदा कर दिया है। इस मुद्दे को भारतीय संसद में भी उठाया गया, जहां मथुरा से सांसद और प्रसिद्ध अभिनेत्री हेमा मालिनी ने अपनी नाराजगी और चिंता व्यक्त की।
हेमा मालिनी ने संसद में जताई नाराजगी
हेमा मालिनी ने लोकसभा के शून्य काल में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, “मैं स्वयं कृष्ण भक्त हूं और इस्कॉन की अनुयायी हूं। यह मामला विदेश नीति का नहीं, बल्कि हमारी भावनाओं और धार्मिक आस्था का है। बांग्लादेश सरकार को हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।” उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों और मंदिरों पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की। उन्होंने यह भी कहा कि चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी न केवल अनुचित है, बल्कि यह धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के खिलाफ है।
गिरफ्तारी और उसके पीछे का विवाद
25 नवंबर को बांग्लादेश की सुरक्षा एजेंसियों ने चटगांव स्थित पुंडरीक इस्कॉन धाम के अध्यक्ष चिन्मय कृष्णदास को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया। उनकी गिरफ्तारी ऐसे समय हुई जब उन्होंने हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आह्वान किया था। चिन्मय कृष्णदास ने मंदिरों को निशाना बनाए जाने और हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं के खिलाफ एकजुटता की अपील की थी।
विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला
चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े हजारों समर्थकों ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। बांग्लादेश में इस्कॉन के लगभग 70 मंदिर हैं, जिनसे जुड़े करीब 50,000 से अधिक लोग उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ हर जिले में प्रदर्शन कर रहे हैं। इन प्रदर्शनों के जरिए वे धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा की मांग कर रहे हैं।
हेमा मालिनी की मीडिया से बातचीत
हेमा मालिनी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भारत सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह कूटनीति का विषय नहीं है। यह हमारी भावनाओं और श्री कृष्ण के प्रति भक्ति से जुड़ा मामला है। बांग्लादेश सरकार को हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।”
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) तक पहुंचा मामला
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार और उनकी हत्या के मामले अब इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट तक पहुंच चुके हैं। शेख हसीना की पार्टी, अवामी लीग, ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और अन्य 62 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। अवामी लीग के नेता और सिलहट के पूर्व मेयर अनवारुज्जमां चौधरी ने यूनुस पर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है।
भारत और बांग्लादेश के संबंधों पर असर
यह मुद्दा न केवल बांग्लादेश के लिए आंतरिक संकट पैदा कर रहा है, बल्कि भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर भी असर डाल रहा है। भारत में इस मुद्दे पर व्यापक जनाक्रोश है, और लोग मांग कर रहे हैं कि भारतीय सरकार इस मामले को गंभीरता से उठाए।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की जरूरत
धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगे आना होगा। बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं, बल्कि वे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए भी खतरनाक हैं।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार और चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि धार्मिक सहिष्णुता और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। हेमा मालिनी जैसी प्रमुख हस्तियों का इस मुद्दे पर बोलना, इसे वैश्विक स्तर पर ध्यान में लाने में मदद करेगा। अब यह देखना होगा कि भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।