“राज्यपाल रमेन डेका ने गुवाहाटी में तेरापंथ धर्मस्थल पर आध्यात्मिक चेतना का किया आह्वान”

रायपुर :  राज्यपाल रमेन डेका ने असम प्रवास के दौरान गुवाहाटी स्थित तेरापंथ धर्मस्थल में आयोजित एक विशेष आध्यात्मिक कार्यक्रम में भाग लिया, जहाँ उन्हें तेरापंथ धर्मसंघ के प्रमुख आचार्य महाश्रमणजी के अनुयायी मुनि प्रशांत कुमारजी और मुनि कुमुद कुमारजी का पावन सान्निध्य प्राप्त हुआ। इस आयोजन का मुख्य विषय “वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अध्यात्म का महत्त्व” था, जिसमें अध्यात्म के आधुनिक युग में सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन में भूमिका को रेखांकित किया गया। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यपाल ने विभिन्न दृष्टिकोणों से अध्यात्म के सार्थक पक्षों पर प्रकाश डाला, जिनसे समाज में शांति, सद्भाव और मानसिक स्थिरता प्राप्त करने में सहायता मिल सकती है।

राज्यपाल ने अपने संबोधन में वर्तमान समाज में बढ़ते तनाव, प्रतिस्पर्धा और मानसिक विकारों के संदर्भ में अध्यात्म की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने आचार्य महाश्रमणजी की शिक्षाओं और तेरापंथ धर्मसंघ के शांति, अहिंसा और सहिष्णुता के सिद्धांतों का उल्लेख करते हुए कहा कि अध्यात्म का अनुसरण व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से जीवन में स्थिरता लाने का एक कारगर माध्यम है। उन्होंने मुनि प्रशांत कुमारजी और मुनि कुमुद कुमारजी के विचारों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी प्रेरक शिक्षा समाज में नैतिक और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देती है।

इस अवसर पर राज्यपाल ने वर्तमान में युवाओं के बीच अध्यात्म को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि आधुनिक युग में धर्म और अध्यात्म के प्रति जागरूकता लोगों को व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारियों का बोध कराने में सहायक हो सकती है। उन्होंने कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ की शिक्षाएं हमें शांति, धैर्य और संतोष की ओर प्रेरित करती हैं, जो समाज को मानसिक एवं भावनात्मक रूप से सशक्त बनाने में सहायक हैं।