“राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचीं पूर्वोत्तर राज्यों की छात्राएं, साझा किया स्थापना दिवस का उत्सव”
रायपुर : छत्तीसगढ़ के राज्यपाल, रमेन डेका ने शबरी कल्याण आश्रम की छात्राओं से मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें असम और नागालैंड राज्यों के स्थापना दिवस पर बधाई और शुभकामनाएं दीं। यह मुलाकात खास तौर पर केन्द्र सरकार के “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” कार्यक्रम के तहत आयोजित की गई थी। इस कार्यक्रम के अंतर्गत, राजभवन में असम और नागालैंड के स्थापना दिवस का आयोजन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ किया गया, जहां इन राज्यों की विशेषताओं और संस्कृति को प्रमुखता दी गई।
राज्यपाल रमेन डेका ने इस अवसर पर कहा कि भारत की विविधता को सम्मान देने के लिए सभी राज्यों को एक दूसरे के स्थापना दिवस मनाने का अवसर मिलता है। विविधता में एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए असम और नागालैंड के स्थापना दिवस के साथ-साथ, अन्य राज्यों के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व पर भी प्रकाश डाला गया। इस कार्यक्रम में शबरी कल्याण आश्रम की लगभग 40 बालिकाओं ने अपने पूर्वोत्तर राज्यों की लोक कला और लोक नृत्य प्रस्तुत किए। ये बालिकाएं असम, मिजोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड जैसे पूर्वोत्तर राज्यों से संबंधित हैं और यहां रायपुर स्थित वनवासी कल्याण आश्रम में अपनी शिक्षा प्राप्त कर रही हैं।
राज्यपाल ने इन बालिकाओं का स्वागत करते हुए उन्हें छत्तीसगढ़ के राजकीय गमछे से सम्मानित किया और उनकी ओर से भेंट किए गए स्मृति चिन्ह की सराहना की। कार्यक्रम में असम और नागालैंड के प्रतिनिधियों के अलावा, राज्यपाल के सचिव यशवंत कुमार, पूर्व लोकसभा सांसद नत्थूभाई पटेल, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में असम और नागालैंड की विशिष्टताओं को उजागर किया। उन्होंने कहा कि असम और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और आर्थिक विशेषताएं समान हैं, खासकर चाय उद्योग के क्षेत्र में। असम के चाय के बागानों की महक दुनिया भर में प्रसिद्ध है, और छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक वातावरण को देखते हुए यहां भी चाय उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
इसके अलावा, राज्यपाल ने नागालैंड को रंग-बिरंगे और वीरता से भरपूर राज्य के रूप में प्रस्तुत किया और इसके स्वतंत्रता संग्राम में योगदान की चर्चा की। रानी गैडिनल्यू और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिंद फौज के योगदान को याद करते हुए राज्यपाल ने नागालैंड के इतिहास और संस्कृति की महत्ता पर प्रकाश डाला।
यह आयोजन छत्तीसगढ़ में पूर्वोत्तर राज्यों की संस्कृति और परंपराओं को सम्मान देने का एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसने दोनों राज्यों के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत किया।