केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को गैंगस्टर राजेंद्र सदाशिव निकालजे उर्फ छोटा राजन को मुंबई के प्रसिद्ध ट्रेड यूनियन नेता डॉ. दत्ता सामंत की हाई-प्रोफाइल हत्या की साजिश रचने के आरोपी से बरी कर दिया, जिनकी 1997 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। विशेष सीबीआई न्यायाधीश एएम पाटिल ने ठोस सबूतों के अभाव में राजन को हत्या के संबंध में सभी आरोपों से बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, 16 जनवरी 1997 को डॉ. सामंत अपनी जीप से पवई से घाटकोपर के पंत नगर जा रहे थे, तभी पद्मावती रोड पर नरेश जनरल स्टोर के पास उन पर हमला किया गया।
चार शूटरों ने मारी थी गोली
डॉ. सामंत की 16 जनवरी 1997 को पद्मावती रोड पर चार लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वह अपनी जीप से पवई से घाटकोपर जा रहे थे। आरोप है कि मोटरसाइकिल पर आए चार हमलावरों ने डॉ. सामंत की जीप को रोका और उन पर 17 गोलियां चलाईं। गोली उनके चेहरे और गर्दन पर लगी थीं। डॉ. सामंत को तुरंत पास के अनिकेत नर्सिंग होम ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
घटना के बाद डॉ. सामंत के ड्राइवर भीमराव सोनकांबले की शिकायत के आधार पर साकीनाका पुलिस स्टेशन में चार अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
मुकदमे के पहले सेट में कुछ स्थानीय लोगों पर मुकदमा चलाया गया और जुलाई 2000 में फैसला सुनाया गया। राजन के खिलाफ मामले में एक अन्य गैंगस्टर गुरु साटम और राजन के भरोसेमंद लेफ्टिनेंट रोहित वर्मा को फरार दिखाया गया, और उनका मुकदमा अलग कर दिया गया।