“पेन ड्राइव चोरी पर हुआ दोस्त का मर्डर, तालाब में मिली लाश, पुलिस ने महज 24 घंटों के भीतर सुलझाया मामला”

जशपुर :  जशपुर जिले में हुए एक घातक हत्या के मामले को पुलिस ने महज 24 घंटों के भीतर सुलझा लिया है। यह हत्या एक शराब पार्टी के दौरान दोस्ती के नाम पर हुआ एक खतरनाक विवाद था, जिसने अब जशपुर की पुलिस में एक बड़ी राहत दी है। पूरा मामला तब सामने आया जब 19 दिसम्बर को चौकी करडेगा थाना तपकरा क्षेत्र के घांसीमुण्डा गायबेड़ा के पास स्थित तालाब में अज्ञात शव तैरता हुआ पाया गया था। शव की पहचान ग्राम केरसई बड़ा बस्ती के निवासी भूषण तिर्की के रूप में हुई, जिनकी उम्र 30 वर्ष थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह साफ किया गया कि मृतक की मौत किसी हत्यारोपित अपराध के कारण हुई थी, जिसे पुलिस ने ‘होमोसाईडल’ यानी हत्यात्मक मौत के रूप में पहचाना।

जशपुर पुलिस के स्पेशल टीम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्दी कार्यवाही की और एसपी शशि मोहन सिंह के निर्देशन में एक टीम का गठन किया गया। इस टीम का नेतृत्व एसपी अनिल सोनी कर रहे थे। उनकी कड़ी मेहनत और पुलिस टीम की तत्परता ने जल्दी ही मामला सुलझा लिया। विवेचना के दौरान पुलिस ने पाया कि 14 दिसम्बर को मृतक भूषण तिर्की अपने दोस्त अंकित मिंज के साथ शराब पीने के लिए घर से निकला था। दोनों ने मिलकर साउण्ड बॉक्स और पेन ड्राइव खरीदी थी। शराब पीने के दौरान दोनों के बीच पेन ड्राइव के मुद्दे पर विवाद हुआ और इस झगड़े के दौरान अंकित मिंज ने तिर्की को मार डाला।

मृतक भूषण के शव को लेकर आरोपी अंकित मिंज ने अपने 16 वर्षीय भांजे की मदद ली, जिससे दोनों ने शव को एक प्लास्टिक बैग में भरकर घांसीमुण्डा के एक तालाब में डाल दिया। इसके बाद आरोपी अंकित मिंज ने मृतक के मोबाइल को छिपाकर सिम कार्ड को तोड़ दिया और शव के पूरे घटनास्थल से संबंधित चीजों को जलाकर नष्ट कर दिया। इसके बाद आरोपी ने मृतक की मोटरसाइकिल को सोनाटोंगरी पुलिया पर जाकर गिरा दिया था।

इस पूरे मामले में पुलिस ने आरोपी अंकित मिंज को गिरफ्तार किया और उससे डंडा, मोबाइल और मोटरसाइकिल जैसे सामान बरामद किए। पुलिस ने यह भी जानकारी दी कि आरोपी के भांजे को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया है। पुलिस टीम द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई और अच्छे समन्वय ने हत्या की गुत्थी को इतनी जल्दी सुलझाने में मदद की।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के मामलों में समय रहते और बिना किसी हिचकिचाहट के सही कार्रवाई करना बहुत ज़रूरी होता है। यह मामला अपराध की जटिलताओं और रिश्तों के बुरे पहलुओं की एक और मिसाल है, जहां मामूली विवाद बड़े हादसे का रूप ले लेते हैं।