जमीन खरीदी के नाम पर आरक्षक से 7 लाख की धोखाधड़ी

रायपुर। सिविल लाइन में भूमि खरीद के तहत 7 लाख 20 हजार रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें पीडि़त ने आरोपियों के खिलाफ प्राथमिक सूचना दर्ज कराई है। पुलिस ने इस मामले में धारा 420 और 34 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
भूमि का मालिकाना हक नहीं था
शिकायकर्ता गोविंद सिंह ने बताया कि वर्ष 2012 में आरक्षक के पद पर कार्यरत रहते हुए उन्हें आरोपी जगदेव वर्मा ने राज कश्यप के माध्यम से डोमा ग्राम में भूमि खरीदने का प्रस्ताव दिया था। राज कश्यप ने 300 रुपये प्रति वर्गफीट की दर से जमीन दिखाई और 51,000 रुपये का टोकन मनी लेकर जमीन की रजिस्ट्री के लिए
सहमति बनाई। गोविंद सिंह ने किस्तों में कुल 4,6 1,000 रुपये का भुगतान किया और 2015 में रजिस्ट्री भी करवाई, लेकिन बाद में पता चला कि जमीन की रजिस्ट्री नकली थी और राज कश्यप के पास उक्त भूमि का मालिकाना हक नहीं था।

जमीन अन्य कई लोगों को भी बेची गई
उन्होंने बताया कि पटवारी से जानकारी लेने पर यह सामने आया कि राज कश्यप के खाते में उस भूमि का कोई रिकॉर्ड नहीं था और यह जमीन अन्य कई लोगों से भी धोखाधड़ी करने के आरोप में रही थी। गोविंद सिंह के साथ ही अन्य कई लोगों ने भी राज कश्यप और जगदेव वर्मा पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। मामले के खुलासे के बाद इन दोनों आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।