रायपुर। भारतीय सेना के समान धर्म रक्षा सेना का गठन किया जाएगा। श्री नीलकण्ठ सेवा संस्था छत्तीसगढ़ अंतर्गत धर्म रक्षा सेना संचालन होगा।श्री नीलकण्ठ सेवा संस्था के संस्थापक एवं धर्म संसद आयोजक पंडित नीलकण्ठ त्रिपाठी ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सेना के गठन के लिए सदस्यता अभियान प्रारंभ किया जा रहा है।
गुरुवार को धर्म रक्षा सेना को लेकर संत युद्धिष्ठिर लाल के साथ शदाणी दरबार मे बैठक हुई। बैठक में मुख्यरूप से संस्था प्रमुख पंडित नीलकण्ठ त्रिपाठी, सच्चिदानंद उपासने, स्वामी राजेश्वरानंद उपस्थित होकर धर्म रक्षा सेना के गठन का प्रारूप तय किए। संत युद्धिष्ठिर लाल ने कहा कि धर्म रक्षा सेना का गठन एक सेना के समान होना चाहिए, जिस प्रकार से आर्मी में फील्ड मार्शल,जनरल,लेफ्टिनेंट जनरल, कर्नल, मेजर आदि का पदभार देकर एक भारतीय सेना तैयार की जाती है। उसी प्रकार धर्म की रक्षा के लिए सेना तैयार की जाएगी। रिटायर हिन्दू सैनिक को धर्म रक्षा सेना में प्राथमिकता दी जाएगी।
पंडित नीलकण्ठ त्रिपाठी ने कहा कि धर्म रक्षा सेना केवल सनातन धर्म के लिए कार्य करेगी। यह सेना प्रत्येक जिले में किस प्रकार से धर्म सभा की जाए धर्म रक्षा सेना ही इसकी रूप रेखा तय करेगी। युवा हमारे धर्म रक्षक सेना बनेंगे। संस्था में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोड़ा जाएगा।
सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि धर्मांतरण,लव जिहाद जैसे अहम मुद्दे के लिए भी सेना काम करेगी। हमारी सनातनी संस्कृति का प्रचार प्रसार , हमारी संस्कृति सभ्यता से सभी को अवगत कराने का कार्य सेना का होगा।
स्वामी राजेश्वरानंद ने कहा कि संतों को धर्म रक्षा सेना के मार्गदर्शक रहेंगे। वे आदेश देंगे कैसे कार्य करना हैं। संतों की रक्षा से लेकर मठ मंदिरों की सुरक्षा एवं सनातन धर्म के प्रचार प्रसार को लेकर भी धर्म रक्षा सेना कार्य करेगी।