पत्रकार संदीप शुक्ला को जान से मारने की धमकी देने वाले वन अधिकारी पर वन विभाग की कड़ी कार्रवाई
रायपुर: पत्रकार संदीप शुक्ला को जान से मारने की धमकी देने वाले वन अधिकारी नरेश चन्द्र देवनाग के खिलाफ वन विभाग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए जांच का आदेश दिया है। यह मामला तब सामने आया, जब संदीप शुक्ला ने अवैध वसूली की घटनाओं का खुलासा किया था, जिसके बाद बौखलाए अफसर ने पत्रकार को छह बार फोन करके उसे जान से मारने की धमकी दी थी। वन विभाग ने इस धमकी को अत्यंत गंभीरता से लिया और विभागीय कार्यवाही शुरू की है।
मामले में विभाग द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया कि नरेश चन्द्र देवनाग, जो कि वनक्षेत्रपाल और परिक्षेत्र अधिकारी सीतानदी के रूप में कार्यरत हैं, ने पत्रकार के साथ अपमानजनक और अभद्र व्यवहार किया, जो एक शासकीय कर्मचारी से अपेक्षित कर्तव्य के उल्लंघन के रूप में देखा जा रहा है। वन विभाग ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-3 के तहत यह घोषणा की कि शासकीय सेवा में किसी भी कर्मचारी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जो उनके पेशेवर कर्तव्यों के विपरीत हो या अशोभनीय हो।
इस घटना के बाद, वन विभाग ने उपनिदेशक उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व को आदेश दिया कि इस मामले की पूरी जांच की जाए और उसके परिणामों के आधार पर एक तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। इसके परिणामस्वरूप, नरेश चन्द्र देवनाग को तत्काल प्रभाव से विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी के पद पर पदस्थ किया गया, और अब उन्हें धमतरी वनमंडल में काम करने के लिए आदेशित किया गया है।
यह कार्रवाई वन विभाग द्वारा पत्रकारों की सुरक्षा और उनके अधिकारों को लेकर उसकी संजीदगी को दर्शाती है, और एक कड़ा संदेश देती है कि किसी भी शासकीय कर्मचारी का इस तरह का अनुशासनहीन और गैर-व्यावसायिक व्यवहार अस्वीकार्य है। इस कदम से यह भी सिद्ध होता है कि विभाग पत्रकारिता के काम में हस्तक्षेप और अवरोध डालने वाले कृत्यों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करेगा।