“मांड नदी के चेकडैम में मछुआरे की डूबने से मौत: जाल में फंसा शव तीन दिन बाद बरामद”

छत्तीसगढ:  धरमजयगढ़ क्षेत्र के ग्राम आमदरहा में स्थित चेकडैम में मछुआरे संजय यादव का शव तीन दिन बाद बरामद किया गया। 4 अक्टूबर की दोपहर को, 47 वर्षीय संजय यादव, जो धरमजयगढ़ के जेलपारा का निवासी था, अपने साथी के साथ मांड नदी पर बने चेकडैम में मछली पकड़ने गया था। इस दौरान अचानक उसका पैर फिसल गया, और वह गहरे पानी में गिर गया, जिससे वह डूबने लगा।

संजय यादव की डूबने के तुरंत बाद, उसके साथी ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद धरमजयगढ़ पुलिस ने गोताखोरों की एक टीम को खोज अभियान के लिए लगाया। इस कठिन खोज प्रक्रिया में तीन दिन लगे, जिसमें पुलिस, स्थानीय मछुआरे, और समाज के अन्य सदस्य शामिल थे। अंततः, आज तड़के लगभग दो बजे, संजय का शव पानी में बहकर लगभग दो किलोमीटर दूर एक किनारे पर मिला। जब शव को निकाला गया, तो वह अपने ही मछली पकड़ने के जाल में फंसा हुआ था, जिससे स्पष्ट होता है कि संभवतः वह जाल में उलझने के कारण डूब गया था।

इस घटना ने स्थानीय समुदाय में गहरा दुःख और चिंता उत्पन्न किया है, क्योंकि मछली पकड़ना इस क्षेत्र के लोगों के लिए एक सामान्य और पारंपरिक गतिविधि है। इस प्रकार की दुर्घटनाओं से बचने के लिए, अब स्थानीय प्रशासन को मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस उपायों पर विचार करना आवश्यक है। इसके तहत, चेकडैम के किनारे सुरक्षा बैरियर लगाने, मछुआरों के लिए प्रशिक्षित प्रशिक्षकों की नियुक्ति, और आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।

संजय यादव के परिवार को इस दुखद घटना से अत्यधिक सदमा पहुंचा है, और पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को उसके परिजनों के हवाले कर दिया है। यह त्रासदी न केवल एक व्यक्तिगत नुकसान है, बल्कि यह पूरे समुदाय के लिए एक चेतावनी भी है कि सुरक्षा नियमों का पालन कितना महत्वपूर्ण है, खासकर जल निकायों के आसपास। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी संबंधित पक्षों को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है।