वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया नया आयकर विधेयक 2025, छह दशक पुराने कानून को बदलने की तैयारी
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में नया आयकर विधेयक 2025 पेश किया, जिसका उद्देश्य आयकर कानूनों को सरल और व्यवस्थित बनाना है। यह विधेयक 1961 के मौजूदा आयकर अधिनियम की जगह लेगा, जो पिछले छह दशकों में कई संशोधनों और जटिलताओं के कारण करदाताओं के लिए समझना कठिन हो गया था। नया विधेयक वित्त मंत्री द्वारा 1 फरवरी 2025 को प्रस्तुत बजट भाषण में घोषित किया गया था और इसे केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी भी मिल चुकी है।
नए आयकर विधेयक की प्रमुख विशेषताएँ:
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कानूनी सरलीकरण और संशोधन
- पुराने कानून की तुलना में नया आयकर विधेयक अधिक स्पष्ट और व्यवस्थित बनाया गया है।
- मौजूदा 298 धाराओं की संख्या को बढ़ाकर 536 धाराएं की गई हैं, जिससे कानून को व्यापक और अद्यतन किया जा सके।
- वर्तमान 14 अनुसूचियों को बढ़ाकर 16 अनुसूचियां कर दिया गया है, जिससे कर प्रणाली अधिक संगठित होगी।
- वर्तमान आयकर अधिनियम 880 पन्नों का था, जबकि नया विधेयक केवल 622 पन्नों में ही तैयार किया गया है।
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‘पिछले वर्ष’ और ‘निर्धारण वर्ष’ की अवधारणा समाप्त
- वर्तमान आयकर अधिनियम में ‘पिछले वर्ष’ (FY) और ‘निर्धारण वर्ष’ (AY) की अवधारणा मौजूद है, जिसमें आय के अर्जन और कर भुगतान के वर्षों में अंतर रहता था।
- नए विधेयक में इसे ‘कर वर्ष’ (Tax Year) में परिवर्तित कर दिया गया है, जिससे कराधान की प्रक्रिया अधिक स्पष्ट और सुगम होगी।
- इससे करदाताओं को आयकर फाइलिंग में सहूलियत मिलेगी और अनावश्यक जटिलताओं से बचा जा सकेगा।
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आधुनिक कर ढांचे की स्थापना
- नया कानून डिजिटल अर्थव्यवस्था और बदलते व्यावसायिक परिदृश्य को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
- कर प्रशासन को अधिक पारदर्शी और करदाताओं के अनुकूल बनाने की कोशिश की गई है।
- सरकार ने प्रगतिशील कर सुधारों के लिए यह कदम उठाया है, जिससे देश में कर अनुपालन को बढ़ावा मिलेगा।
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आयकर अधिनियम 1961 के स्थान पर नया कर ढांचा
- 1961 में लागू किया गया पुराना आयकर अधिनियम समय के साथ संशोधनों और परिवर्तनों के कारण अत्यधिक जटिल हो गया था।
- इसे बदलने के लिए नया आयकर विधेयक लाया गया है, जो अधिक समकालीन, संक्षिप्त और व्यवस्थित होगा।
नए विधेयक से क्या होगा फायदा?
- करदाता पहले की तुलना में अधिक सहजता से कानून को समझ सकेंगे।
- कर प्रक्रिया को डिजिटल और तेज़ बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
- व्यवसायों और व्यक्तियों के लिए कर संरचना अधिक पारदर्शी होगी, जिससे देश में निवेश और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- छोटे व्यापारियों और स्टार्टअप्स को लाभ होगा, क्योंकि कर नियमों को सरल किया गया है।
आगे की प्रक्रिया:
नए आयकर विधेयक 2025 को लोकसभा में पेश करने के बाद अब इसे विस्तृत चर्चा के लिए संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा। चर्चा और संशोधनों के बाद इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इसके बाद, राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह आधिकारिक कानून के रूप में लागू हो जाएगा।
यह विधेयक भारत की आधुनिक कर प्रणाली की दिशा में एक बड़ा सुधार है, जिससे करदाताओं को राहत मिलने की उम्मीद है।