फतेहपुर में पत्रकार दिलीप सैनी पर जानलेवा हमला: समुदाय में फैली दहशत, जांच जारी
फतेहपुर: फतेहपुर में एक पत्रकार पर हुए जानलेवा हमले ने स्थानीय समुदाय में सनसनी फैला दी है। यह घटना मंगलवार रात को सदर कोतवाली क्षेत्र के भिटौरा बाईपास पर हुई, जब पत्रकार दिलीप सैनी और उनके साथी एक यार्ड में मौजूद थे। हमलावरों ने चाकू और अन्य धारदार हथियारों से लैस होकर अचानक हमला किया। इस हमले में दिलीप सैनी को गंभीर चोटें आईं, जबकि उनके साथी शाहिद खान ने भी हमलावरों के खिलाफ बचाव में साहस दिखाया, लेकिन उन्हें भी धारदार हथियारों से घायल कर दिया गया।
दिलीप सैनी, जो लखनऊ के एलडीए कॉलोनी में अपने परिवार के साथ रहते थे, एक न्यूज एजेंसी के लिए फतेहपुर में रिपोर्टिंग कर रहे थे। हमले के समय वह भिटौरा रोड पर स्थित अपने यार्ड में थे, जहां मामूली विवाद के चलते स्थानीय लोगों के एक समूह ने उन पर हमला कर दिया। आरोपितों में पक्का तालाब निवासी आलोक तिवारी उर्फ अक्कू, अन्नू तिवारी, बिपिन पटेल, चिक्कन, जोंटी, सुभाष पांडेय और लेखपाल सुनील राणा सहित लगभग 15 लोग शामिल थे।
हमले के बाद दिलीप और शाहिद को गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन डाक्टरों ने दिलीप को कानपुर के लिए रेफर कर दिया। दुखद रूप से, रास्ते में ही दिलीप ने दम तोड़ दिया। वहीं, शाहिद का इलाज कानपुर के हैलट अस्पताल में जारी है।
फतेहपुर के एसपी धवल जायसवाल ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि हमलावरों के बीच आपसी परिचय होने की बात सामने आई है। उन्होंने बताया कि कुछ आरोपितों के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया गया है, जबकि अन्य के खिलाफ अज्ञात नाम से FIR की गई है। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और जल्द ही हमलावरों को पकड़ने के लिए कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने स्थानीय पत्रकारों और समाज के अन्य सदस्यों के बीच चिंता बढ़ा दी है, जो मीडिया पर हमलों को लेकर सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। यह हमला न केवल दिलीप सैनी के परिवार के लिए बल्कि पूरे पत्रकार समुदाय के लिए एक बड़ा आघात है। मामले की जांच में तेजी लाने और हमलावरों को सजा दिलाने की मांग की जा रही है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।