छह साल के रिश्ते का अंत: शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने वाला प्रेमी गिरफ्तार

रायगढ़:  छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के चक्रधरनगर थाना क्षेत्र में शादी का झांसा देकर युवती के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी मनोज साहू (24) को पुलिस ने आज पामगढ़, जिला जांजगीर-चांपा से गिरफ्तार किया और न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया। यह गिरफ्तारी तेज़ और प्रभावी पुलिस कार्रवाई का परिणाम है। आरोपी के खिलाफ युवती ने 22 जनवरी को चक्रधरनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने विस्तृत जांच के बाद उसे पकड़ने में सफलता प्राप्त की।

मामला और घटना की शुरुआत

शिकायतकर्ता युवती तहसील धरमजयगढ़ की निवासी है और पिछले छह वर्षों से रायगढ़ में किराए के मकान में रहकर काम कर रही थी। अक्टूबर 2023 में चक्रधरनगर के एक पार्क में युवती की मुलाकात मनोज साहू से हुई। बातचीत का सिलसिला दोस्ती में बदला, जो जल्द ही प्रेम संबंध में बदल गया। नवंबर 2023 में मनोज ने चक्रधरनगर में एक किराए का मकान लिया, जहां दोनों साथ रहने लगे। मनोज ने युवती से शादी का वादा किया और इस वादे के चलते उसने शारीरिक संबंध बनाए।

कुछ समय बाद युवती ने दूसरे मकान में शिफ्ट कर लिया, लेकिन मनोज उससे मिलने आता रहा। युवती ने नवंबर 2024 में जब कोर्ट में शादी के आवेदन की बात की, तो मनोज ने न केवल शादी से इंकार कर दिया, बल्कि गाली-गलौज भी की। युवती ने इस बात की शिकायत मनोज के माता-पिता से की, लेकिन उन्होंने भी उसे झिड़क दिया और भगा दिया।

पुलिस की कार्रवाई

चक्रधरनगर थाना प्रभारी प्रशांत राव के नेतृत्व में मामले की जांच शुरू हुई। युवती की शिकायत पर अपराध क्रमांक 40/2025 दर्ज किया गया। महिला पुलिस अधिकारियों ने पीड़िता का बयान लिया और मेडिकल जांच कराई। जांच के दौरान आरोपी की खोज के लिए पुलिस ने मुखबिर तैनात किए और संभावित स्थानों पर छापेमारी की योजना बनाई।

आरोपी की गिरफ्तारी

आज सुबह सूचना मिलने पर पुलिस टीम ने पामगढ़ के चण्डीपारा में कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को रायगढ़ लाकर न्यायालय में पेश किया गया और फिर उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

पुलिस टीम की भूमिका

इस मामले में निरीक्षक प्रशांत राव, सहायक उप निरीक्षक नंद कुमार सारथी, प्रधान आरक्षक महेंद्र कर्ष और आरक्षक समुंद रनकर की सराहनीय भूमिका रही। टीम ने पीड़िता को त्वरित न्याय दिलाने के लिए पूरी तत्परता और प्रतिबद्धता के साथ काम किया।

न्याय की ओर एक महत्वपूर्ण कदम

यह मामला समाज में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति बढ़ती चिंता को दर्शाता है। पुलिस की सक्रियता ने पीड़िता को त्वरित राहत दिलाई और आरोपी को कानून के दायरे में लाया। इस मामले ने यह भी साबित किया है कि कानून का पालन कराने वाले अधिकारी तेजी और निष्ठा के साथ काम करें, तो न्याय सुनिश्चित किया जा सकता है।