“भ्रष्टाचार और अराजकता का अंत: दिल्ली को ‘आप-दा’ से मिली मुक्ति, सीएम विष्णुदेव साय का बड़ा बयान”
रायपुर : दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर राजधानी में एक नई राजनीतिक लहर को जन्म दिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भाजपा की इस जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और सभी कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि यह जीत भाजपा कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम, प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व और जनता के भाजपा पर अटूट विश्वास का नतीजा है।
सीएम साय ने इस जीत को दिल्ली में “आप-दा” (AAP की आपदा) से मुक्ति करार देते हुए कहा, “छल और कपट की राजनीति ज्यादा दिन तक नहीं चल सकती। आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में भ्रष्टाचार, कुशासन, झूठ और अराजकता की सारी सीमाएं पार कर दी थीं। लेकिन दिल्ली की जागरूक जनता ने इसे करारा जवाब देते हुए राजधानी को ‘आप-दा मुक्त’ कर दिया है।”
मोदी के नेतृत्व में विकास की नई राह पर दिल्ली
सीएम साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” को साकार करने में पूरी तरह सफल हो रहा है। भाजपा की सरकार सभी वर्गों की चिंता करते हुए, हर व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कार्य कर रही है। दिल्ली की जनता यह समझ चुकी है कि प्रदेश का समग्र विकास केवल भाजपा के नेतृत्व में ही संभव है।
दिल्ली में भाजपा की ऐतिहासिक जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “दिल्ली के दिल में मोदी…! आज की यह प्रचंड जीत दर्शाती है कि दिल्ली की जनता ने भाजपा की विकासशील और पारदर्शी राजनीति पर भरोसा जताया है।”
AAP के पतन की कहानी: भ्रष्टाचार और कुशासन बना कारण
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि AAP सरकार के खिलाफ जनता का गुस्सा लंबे समय से बढ़ रहा था। शराब नीति घोटाले, फीडबैक यूनिट जासूसी कांड, मोहल्ला क्लीनिक में घोटालों जैसे कई आरोपों ने AAP की छवि को गहरा नुकसान पहुंचाया। सीएम साय ने भी इस पर तंज कसते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी ने झूठ और भ्रष्टाचार की राजनीति को अपना मूलमंत्र बना लिया था, लेकिन जनता ने इस झूठ को नकार दिया।
दिल्ली में AAP के बड़े नेता भी हार का सामना कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल खुद अपनी सीट से पिछड़ गए हैं, जबकि आतिशी, सौरभ भारद्वाज, और दुर्गेश पाठक जैसे प्रमुख चेहरे भी चुनाव हार चुके हैं।
भाजपा की प्रचंड जीत: एक नई शुरुआत
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, भाजपा ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 48 पर बढ़त बना ली है, जबकि आम आदमी पार्टी महज 22 सीटों पर सिमट गई है। यह नतीजे न सिर्फ दिल्ली की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि भाजपा का जनाधार अब शहरों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि जनता की पहली पसंद बन गया है।
सीएम साय ने इस जीत को भाजपा के कार्यकर्ताओं और दिल्ली की जनता की सामूहिक शक्ति का परिणाम बताते हुए कहा, “भाजपा का हर कार्यकर्ता समर्पण और मेहनत से जनता की सेवा करता है। यह जीत हमारे उन कार्यकर्ताओं की जीत है, जिन्होंने दिन-रात परिश्रम कर भाजपा को सत्ता में पहुंचाया। दिल्ली की देवतुल्य जनता का हृदय से आभार और सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई। अब पूरे दिल्ली में चप्पा-चप्पा भाजपा!”