बालाघाट में मुठभेड़: 62 लाख की इनामी 4 महिला नक्सली ढेर, बस्तर से आई थीं MP में नया ठिकाना बनाने
बस्तर: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में हाल ही में हुई मुठभेड़ में पुलिस ने चार महिला नक्सलियों को मार गिराया है। ये सभी नक्सली छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र की रहने वाली थीं और इन पर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की पुलिस ने कुल 62 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। ये नक्सली हार्डकोर कैडर की थीं और AK-47, इंसास और SLR जैसे खतरनाक हथियार चलाने में प्रशिक्षित थीं। इस मुठभेड़ के बाद सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि छत्तीसगढ़ में बढ़ते पुलिस दबाव के चलते नक्सली मध्य प्रदेश के जंगलों में अपना नया ठिकाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
कैसे हुई मुठभेड़?
सूत्रों के अनुसार, पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि नक्सली बालाघाट के घने जंगलों में छिपे हुए हैं और अपने संगठन को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन शुरू किया। दो दिनों तक चले इस अभियान के दौरान पुलिस ने नक्सलियों की लोकेशन ट्रेस कर उन्हें घेर लिया।
जैसे ही पुलिस ने उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा, नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए चारों महिला नक्सलियों को मार गिराया। उनके पास से संघर्ष में इस्तेमाल किए गए उन्नत हथियार, विस्फोटक और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
कौन थीं ये नक्सली?
पुलिस के अनुसार, मारी गई महिला नक्सली लंबे समय से संगठन से जुड़ी हुई थीं और कई बड़े नक्सली हमलों में शामिल रही थीं। इनका संबंध छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके से था, जहां नक्सली संगठन का मजबूत नेटवर्क फैला हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक, ये नक्सली महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के जंगलों में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए सक्रिय थीं। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां लंबे समय से इनकी गतिविधियों पर नजर रख रही थीं।
बस्तर से MP में नक्सल मूवमेंट की बड़ी वजह
मध्य प्रदेश पुलिस का कहना है कि बस्तर में लगातार बढ़ते सुरक्षा बलों के दबाव के कारण नक्सली अब मध्य प्रदेश के जंगलों में पनाह लेने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के सख्त ऑपरेशन के चलते बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियां काफी सीमित हो गई हैं, जिससे वे दूसरे राज्यों में जाकर अपने संगठन को मजबूत करने की रणनीति बना रहे हैं।
हालांकि, बस्तर के आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि जो नक्सली मारे गए हैं, उन्हें कुछ साल पहले संगठन के बड़े कैडर द्वारा भर्ती किया गया था। नक्सली संगठन अक्सर भोले-भाले ग्रामीणों को गुमराह कर उन्हें अपने संगठन में शामिल कर लेते हैं। इसके बाद इन्हें आगे कर लड़ाई में इस्तेमाल किया जाता है, जबकि बड़े नक्सली कैडर खुद भागने में सफल हो जाते हैं।
नक्सली गतिविधियों पर लगातार कार्रवाई जारी
बालाघाट, मंडला और डिंडोरी जैसे जिलों में नक्सल गतिविधियां लंबे समय से देखी जा रही हैं। मध्य प्रदेश सरकार और पुलिस नक्सलियों के नेटवर्क को खत्म करने के लिए बड़े ऑपरेशन चला रही है। सुरक्षा बलों ने हाल के वर्षों में कई सफल ऑपरेशन किए हैं, जिनमें कई हार्डकोर नक्सली मारे गए या आत्मसमर्पण करने पर मजबूर हुए।
