ईडी की बड़ी कार्रवाई: 6600 करोड़ के बिटकॉइन और क्रिप्टो घोटाले में गौरव मेहता के खिलाफ जांच जारी
रायपुर : रायपुर में 6600 करोड़ रुपये के क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए रायपुर में गौरव मेहता के आवास पर 26 घंटे से ज्यादा समय तक छापेमारी और पूछताछ का सिलसिला जारी रखा। इस घोटाले में गौरव मेहता और उनके भाई अक्षय मेहता के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ईडी की टीम इन दोनों से लगातार पूछताछ कर रही है, जबकि गौरव मेहता की कंपनियों और उनके साथ जुड़े व्यक्तियों से भी मामले की तफ्तीश की जा रही है।
गौरव मेहता, जो रायपुर के होली क्रॉस कापा स्कूल का छात्र रहा है, ने 2010 में क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन के कारोबार की शुरुआत की थी। इसके बाद वह इस क्षेत्र में एक प्रमुख साइबर एक्सपर्ट के तौर पर उभरे और सोशल मीडिया पर खुद को ईडी का फॉरेंसिक ऑडिटर भी बताने लगे थे। गौरव ने अपनी कंपनियों के जरिए बड़ी संख्या में निवेशकों से धोखाधड़ी की और अवैध रूप से लाखों करोड़ रुपये की धनराशि अर्जित की, जिसका खुलासा ईडी की जांच में हुआ है।
ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि गौरव मेहता कई कंपनियों का डायरेक्टर और पार्टनर है। इन कंपनियों में प्रमुख नाम ‘ब्लॉक चेन इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड’ है, जिसे 2016 में स्थापित किया गया था। इसके अलावा, गौरव मेहता कोलकाता स्थित स्पंज आयरन कंपनी और मुंबई की ब्रोकरेज कंपनी जैसे अन्य व्यापारिक संगठनों में भी शामिल है। गौरव के भाई अक्षय मेहता और उसके दोस्त भी इन कंपनियों के डायरेक्टर और पार्टनर रहे हैं, और इनकी भूमिका भी ईडी की जांच के दायरे में है।
गौरव मेहता की ब्लॉक चेन कंपनी का ऑफिस रायपुर के पचपेड़ी नाका स्थित अरिहंत कॉम्प्लेक्स से संचालित हो रहा था। इस कंपनी का प्रमुख काम क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन से संबंधित था, और यह कई निवेशकों से धोखाधड़ी करके भारी मात्रा में धन जुटाने के आरोपों में घिरी हुई है। ईडी की टीम ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और साक्ष्य बरामद किए हैं, जो इस मामले की गहराई में जाकर और भी अधिक खुलासे कर सकते हैं।
गौरव मेहता पर आरोप है कि उसने अपनी कंपनियों के माध्यम से बड़े पैमाने पर निवेशकों से धोखाधड़ी की और अवैध रूप से क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार से भारी धनराशि अर्जित की। ईडी की छापेमारी और पूछताछ का सिलसिला अब भी जारी है, और यह उम्मीद की जा रही है कि मामले में जल्द ही और भी महत्वपूर्ण तथ्य सामने आ सकते हैं।
यह घोटाला न केवल क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र की एक बड़ी धोखाधड़ी की कहानी को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे अवैध कारोबार और साइबर क्राइम के माध्यम से बड़ी धनराशि अर्जित की जाती है। ईडी और अन्य जांच एजेंसियां इस मामले की जांच को प्राथमिकता दे रही हैं और उम्मीद है कि जल्द ही और भी आरोपी पकड़े जाएंगे।