ईडी, सीबीआई और आईटी बिना ठोस सबूतों के नहीं करती कार्रवाई, सोच समझकर होती है हर जांच- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर:  छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट द्वारा सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग और विपक्षी नेताओं पर जबरन कार्रवाई के आरोप लगाने के बाद, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उन पर पलटवार किया है। मुख्यमंत्री ने पायलट के आरोपों को पूरी तरह से निराधार और भ्रामक करार दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियां पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही किसी पर कार्रवाई करती हैं, और अगर किसी को अन्याय महसूस होता है, तो न्यायालय का दरवाजा हमेशा खुला है।

इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत तब हुई जब सचिन पायलट ने प्रदेश की सेंट्रल जेल में बंद पूर्व मंत्री कवासी लखमा से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जो लोग भाजपा की विचारधारा का विरोध करते हैं, उनके खिलाफ सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग किया जाता है। पायलट ने सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार एजेंसियों का इस्तेमाल कर नेताओं का चरित्र हनन करने और उनका मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस इस अन्याय के खिलाफ न्यायालय में अपनी लड़ाई जारी रखेगी और पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेगी।

पायलट के इस बयान पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि कांग्रेस बेबुनियाद आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी एजेंसियां निष्पक्ष तरीके से जांच करती हैं और किसी के भी खिलाफ कार्रवाई सबूतों के आधार पर ही की जाती है। साय ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि अगर कांग्रेस को जांच में कोई अनियमितता दिखती है तो वह कोर्ट में अपनी बात रख सकती है, लेकिन जनता के सामने झूठे आरोप लगाना गलत है।

इस राजनीतिक विवाद के चलते प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस जहां इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बता रही है, वहीं भाजपा इसे निष्पक्ष कार्रवाई करार दे रही है। इस पूरे मामले पर प्रदेश की जनता भी नजर बनाए हुए है, क्योंकि इस मुद्दे के दूरगामी राजनीतिक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखेगी, जबकि भाजपा ने भी संकेत दिए हैं कि जो भी कानून तोड़ेगा, उसके खिलाफ उचित कार्रवाई होगी।