संसद में चर्चा के दौरान ओम बिरला बोले, ‘मैं शाकाहारी हूं’, भाजपा सांसद की टिप्पणी से हलचल
नई दिल्ली: लोकसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय से जुड़े विषय पर चर्चा के दौरान एक दिलचस्प संवाद देखने को मिला, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ सांसद राजीव प्रताप रूड़ी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के बीच मछली खाने को लेकर बातचीत हुई।
भाजपा सांसद रूड़ी ने मछली सेवन पर रखा सवाल
भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूड़ी ने सदन में पूरक प्रश्न पूछते हुए कहा कि देश में करीब 95 करोड़ लोग मछली खाते हैं, जबकि एक करोड़ लोग मछली का उत्पादन करते हैं। इस दौरान उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओर मुखातिब होते हुए हल्के अंदाज में कहा, “अध्यक्ष जी, पता नहीं आप मछली खाते हैं या नहीं?”
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का शाकाहार पर जवाब
इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तुरंत जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि वह शाकाहारी हैं और मछली नहीं खाते। उन्होंने कहा, “मैं मछली नहीं खाता, मैं शाकाहारी हूं।” उनका यह जवाब सदन में मौजूद अन्य सांसदों के लिए दिलचस्प बन गया और इस दौरान हल्की मुस्कान भी देखने को मिली।
मछली उत्पादन में वृद्धि को लेकर सरकार का बयान
सांसद राजीव प्रताप रूड़ी के पूरक प्रश्न के जवाब में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने मछली उत्पादन में हुई प्रगति को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार बनने के बाद से बीते एक दशक में देश में मछली उत्पादन में 100 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिससे इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़े हैं और देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है।
मछली उत्पादन के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां
मंत्री ललन सिंह ने आगे कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और अन्य योजनाओं के तहत मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक तकनीक, वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ाया गया है। इस नीति के तहत मत्स्य पालन उद्योग में निवेश को प्रोत्साहित किया गया है, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिला है और भारत विश्व के प्रमुख मछली उत्पादक देशों में शामिल हुआ है।
सदन में चर्चा के दौरान शाकाहार और मांसाहार पर अनौपचारिक संवाद
हालांकि चर्चा का मूल विषय मछली उत्पादन था, लेकिन बीच में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के शाकाहारी होने के जिक्र ने चर्चा को एक हल्का और दिलचस्प मोड़ दे दिया। इससे पहले भी संसद में कई बार शाकाहार और मांसाहार को लेकर सांसदों के बीच मजाकिया संवाद देखने को मिले हैं, लेकिन यह चर्चा मुख्य रूप से मत्स्य पालन उद्योग और उसकी उन्नति पर केंद्रित रही।